बिहार चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग का बड़ा फैसला, 470 अधिकारी पर्यवेक्षक बने, जानिये कब होगी तारीखों की घोषणा
Election Commission makes a major decision ahead of Bihar elections, appointing 470 officers as observers; find out when the dates will be announced.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा बाकी है, लेकिन निर्वाचन आयोग की तैयारियां तेज हो गई हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के आगामी 4 और 5 अक्तूबर को पटना आगमन से पहले चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है. इसके तहत बिहार विधानसभा चुनाव के लिए देशभर से 470 वरिष्ठ अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी पर लगाने की तैयारी की गई है. इनमें आईएएस, आईपीएस और अन्य केंद्रीय सेवाओं के अफसर शामिल हैं. इनकी जिम्मेदारी होगी कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो. बिहार के साथ-साथ कई राज्यों में उपचुनाव भी इसी निगरानी में कराए जाएंगे.
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा बाकी है, लेकिन निर्वाचन आयोग की तैयारियां तेज हो गई हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के आगामी 4 और 5 अक्तूबर को पटना आगमन से पहले चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है. इसके तहत बिहार विधानसभा चुनाव के लिए देशभर से 470 वरिष्ठ अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी पर लगाने की तैयारी की गई है. इनमें आईएएस, आईपीएस और अन्य केंद्रीय सेवाओं के अफसर शामिल हैं. इनकी जिम्मेदारी होगी कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो. बिहार के साथ-साथ कई राज्यों में उपचुनाव भी इसी निगरानी में कराए जाएंगे.
जानकारी के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने 470 अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है, इनमें 320 आईएएस, 60 आईपीएस और 90 अन्य वरिष्ठ सेवा अधिकारी शामिल हैं. ये अधिकारी सीधे चुनाव आयोग की निगरानी और नियंत्रण में काम करेंगे. इन पर्यवेक्षकों का सबसे बड़ा काम चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराना होगा. ये न केवल गड़बड़ी रोकेंगे, बल्कि मतदाताओं को जागरूक करने और मतदान में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने में भी सहयोग देंगे. आयोग का मानना है कि इनके अनुभव से जमीनी स्तर की चुनौतियों को समझने और हल करने में मदद मिलेगी.
शीर्ष अधिकारियों का बिहार दौरा
निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारी 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त और दोनों आयुक्त राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकर तैयारियों का जायजा लेंगे. इससे पहले 3 अक्टूबर को नई दिल्ली में सभी पर्यवेक्षकों की बैठक होगी. माना जा रहा है कि इन दौरों और बैठकों के बाद किसी भी दिन बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा की जा सकती है.
आयोग का कहना है कि उसकी पहली प्राथमिकता चुनाव की विश्वसनीयता और निष्पक्षता बनाए रखना है. यही कारण है कि बड़ी संख्या में पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है, ताकि चुनाव प्रक्रिया पर हर समय सख्त निगरानी रखी जा सके. बताया गया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेंगे. इससे पहले सभी पर्यवेक्षकों की बैठक में समीक्षाओं के बाद किसी भी दिन बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है. यहां यह भी बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के अलावा जम्मू-कश्मीर (बडगाम और नगरोटा), राजस्थान (अंता), झारखंड (घाटशिला), तेलंगाना (जुबली हिल्स) और पंजाब की एक सीट पर उपचुनाव भी इन्हीं पर्यवेक्षकों की निगरानी में संपन्न कराए जाएंगे.

