मुंबई युवक कांग्रेस की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टी 2 टर्मिनल पर किया विरोध प्रदर्शन
Mumbai Youth Congress protests at T2 terminal of Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport
इंडिगो एयरलाइंस के लगातार खराब प्रबंधन के कारण पिछले कई दिनों से हजारों यात्री परेशान हैं। मनमाने तरीके से उड़ानें रद्द करना, घंटों की देरी, कोई स्पष्ट जानकारी न देना और यात्रियों के साथ अपमानजनक व्यवहार से लोग त्रस्त हो गए हैं। इंडिगो की इस लापरवाही और केंद्र सरकार की मूकदर्शक भूमिका के विरोध में अपना आक्रोश दर्ज कराने के लिए मुंबई युवक कांग्रेस की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टी 2 टर्मिनल पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। मुंबई युवक कांग्रेस की अध्यक्ष जीनत शबरीन के नेतृत्व में आयोजित विरोध प्रदर्शन आंदोलन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
मुंबई : इंडिगो एयरलाइंस के लगातार खराब प्रबंधन के कारण पिछले कई दिनों से हजारों यात्री परेशान हैं। मनमाने तरीके से उड़ानें रद्द करना, घंटों की देरी, कोई स्पष्ट जानकारी न देना और यात्रियों के साथ अपमानजनक व्यवहार से लोग त्रस्त हो गए हैं। इंडिगो की इस लापरवाही और केंद्र सरकार की मूकदर्शक भूमिका के विरोध में अपना आक्रोश दर्ज कराने के लिए मुंबई युवक कांग्रेस की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टी 2 टर्मिनल पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। मुंबई युवक कांग्रेस की अध्यक्ष जीनत शबरीन के नेतृत्व में आयोजित विरोध प्रदर्शन आंदोलन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
मुंबई युकां ने सरकार पर साधा निशाना
इस अवसर पर मुंबई युवक कांग्रेस की अध्यक्ष जीनत शबरीन ने कहा कि इंडिगो एयरलाइंस का प्रशासन और प्रबंधन पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। यात्रियों की दुर्दशा के बावजूद केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। यह सिर्फ उपेक्षा नहीं, बल्कि यात्रियों के अधिकारों पर हनन भी है। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन का गैर-जिम्मेदाराना रवैया हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
युवक कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इंडिगो एयरलाइंस पर यात्रियों की धोखाधड़ी, गलत सूचना और सेवा में ढिलाई के लिए कड़ा आर्थिक जुर्माना लगाया जाए। उड़ान रद्द या विलंबित होने पर सभी यात्रियों को अनिवार्य मुआवजा दिया जाए तथा आर्थिक और मानसिक क्षति की भी भरपाई की जाए। कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई हो और उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की जाए। जीनत शबरीन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार और इंडिगो ने इन मांगों को मान कर सुधार नहीं किए, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा और यात्रियों के अधिकारों के लिए बड़ा संघर्ष छेड़ा जाएगा।

