नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई बीएमडब्ल्यू हिट-एंड-रन मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई से कर दिया इनकार
New Delhi: The Supreme Court has refused to hear the bail plea in the Mumbai BMW hit-and-run case.
सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के मुंबई बीएमडब्ल्यू हिट-एंड-रन मामले में आरोपी मिहिर शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मिहिर शाह शिवसेना के पूर्व नेता का बेटा है। शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी की कि इन लड़कों को सबक सिखाने की जरूरत है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंचने इस तथ्य पर गौर किया कि आरोपी एक संपन्न परिवार से है और उसके पिता उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना से जुड़े रहे हैं।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के मुंबई बीएमडब्ल्यू हिट-एंड-रन मामले में आरोपी मिहिर शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मिहिर शाह शिवसेना के पूर्व नेता का बेटा है। शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी की कि इन लड़कों को सबक सिखाने की जरूरत है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंचने इस तथ्य पर गौर किया कि आरोपी एक संपन्न परिवार से है और उसके पिता उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना से जुड़े रहे हैं।
बेंच ने कहा, वह शेड में मर्सिडीज खड़ी करता है, बीएमडब्ल्यू निकालता है, उससे टक्कर मारता है और फरार हो जाता है। उसे कुछ समय अंदर रहने दीजिए। इन लड़कों को सबक सिखाने की जरूरत है। कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। मिहिर शाह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा कि हाईकोर्ट ने मामले में प्रमुख गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद जमानत के लिए आवेदन करने की अनुमति दी थी। हालांकि, शीर्ष कोर्ट का सख्त रुख देखते हुए उन्होंने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
मिहिर शाह (24 वर्षीय) को पिछले साल नौ जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उसने मुंबई के वर्ली इलाके में अपनी बीएमडब्ल्यू कार से एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी, जिसमें कावेरी नखवा (45 वर्षीय) की मौत हो गई थी और उनके पति प्रदीप नखवा घायल हो गए थे। आरोप है कि हादसे के बाद मिहिर शाह बांद्रा-वर्ली सी लिंक की ओर तेज गति से बढ़ा, जबकि महिला कार के बोनट पर फंसी रही। वह महिला को बाद में डेढ़ किलोमीटर तक अपनी कार से घसीटले हुए ले गया।
हादसे के समय कार में मौजूद शाह के चालक राजऋषि को भी उसी दिन गिरफ्तार किया गया था। दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। शाह ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 21 नवंबर के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि आरोपी अत्यधिक नशे में था और स्कूटर से टकराने तथा पीड़िता को घसीटने के बावजूद उसने कार नहीं रोकी।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि कथित अपराध के समय और उसके बाद आरोपी का व्यवहार कोर्ट को जमानत देने के लिए आश्वस्त नहीं करता। कोर्ट ने कहा कि शाह ने दुर्घटना के बाद तेज रफ्तार से भागने की कोशिश की और पीड़िता को कार के नीचे घसीटता रहा। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि सीट बदलना, अपने पिता को फोन करना और घटनास्थल से फरार होना इस बात का संकेत है कि आरोपी साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने की प्रवृत्ति रखता है।

