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Read More... मुंबई :दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच साल जेल में रहने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी जमानत
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By Online Desk
बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर हनी बाबू को 2018 के एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच साल जेल में रहने के बाद जमानत दे दी। NIA ने बाबू पर एल्गार परिषद मामले में सह-साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया था। (फाइल फोटो)जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए कोर्ट से आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया, लेकिन जस्टिस ए.एस. गडकरी और रंजीतसिंह आर. भोंसले की डिवीजन बेंच ने यह अनुरोध यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बाबू पांच साल से ज़्यादा समय से हिरासत में हैं। मुंब्रा दुर्घटना; गैर इरादतन हत्या के दो इंजीनियरों कोअतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अग्रिम ज़मानत से इनकार
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मुंब्रा में 9 जून को हुई दुर्घटना के लिए गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किए गए मध्य रेलवे (सीआर) के दो इंजीनियरों को ठाणे के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया। इस दुर्घटना में दो भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेनों से गिरकर पाँच यात्रियों की मौत हो गई थी। उनके वकील बलदेव सिंह राजपूत ने बताया कि आरोपी इंजीनियर बॉम्बे हाईकोर्ट में ज़मानत के लिए नई अर्ज़ी दाखिल करेंगे।सीआर की आंतरिक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों ट्रेनों में यात्रियों के उभरे हुए बैग एक-दूसरे से टकरा गए, जिससे एक व्यक्ति गिर गया और पाँच लोगों की मौत हो गई। मुंबई : अधिकारी को ₹22 लाख की रिश्वत दिलाने का आरोप; वकील प्रियंका सिंह की अग्रिम ज़मानत से इनकार
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केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने वकील प्रियंका सिंह को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया। उन पर कुछ विदेशी सट्टेबाजी प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ी संस्थाओं द्वारा कथित जीएसटी चोरी की "जांच के निपटारे" के लिए जीएसटी खुफिया महानिदेशालय के एक अधिकारी को ₹22 लाख की रिश्वत दिलाने का आरोप है। मुंबई ट्रिपल ब्लास्ट केस में एक बड़ा फैसला; 65 वर्षीय कफील अहमद अयूब को जमानत
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2011 के चर्चित मुंबई ट्रिपल ब्लास्ट केस में एक बड़ा फैसला आया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 65 वर्षीय कफील अहमद अयूब को जमानत दे दी है। अयूब करीब 14 साल से जेल में बंद था और उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और महाराष्ट्र के मकोका कानून के तहत मुकदमा चल रहा है। जस्टिस ए.एस. गडकरी और जस्टिस आर.आर. भोंसले की बेंच ने यह कहते हुए जमानत दी कि अयूब को ट्रायल से पहले ही एक दशक से ज्यादा वक्त जेल में रखा गया है, जबकि मुकदमे के जल्द पूरा होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही। 