मुंबई : विधायक सुनील प्रभु ने राज्य सरकार के समक्ष बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलकर “मुंबई उच्च न्यायालय” किए जाने की मांग की
Mumbai: MLA Sunil Prabhu demands renaming of Bombay High Court to "Mumbai High Court" before the state government
बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलकर “मुंबई उच्च न्यायालय” किए जाने की मांग दिंडोशी के शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने राज्य सरकार के समक्ष पत्र के माध्यम से रखी है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील को भेजे पत्र में आग्रह किया है कि आगामी नागपुर शीतकालीन अधिवेशन में इस संबंध में एक विशेष सरकारी प्रस्ताव विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाए।
मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलकर “मुंबई उच्च न्यायालय” किए जाने की मांग दिंडोशी के शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने राज्य सरकार के समक्ष पत्र के माध्यम से रखी है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील को भेजे पत्र में आग्रह किया है कि आगामी नागपुर शीतकालीन अधिवेशन में इस संबंध में एक विशेष सरकारी प्रस्ताव विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाए।
20 वर्षों से लंबित है नामांतरण का मामला
विधायक प्रभु ने पत्र में उल्लेख किया है कि पिछले बीस वर्षों से बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलकर “मुंबई उच्च न्यायालय” करने की मांग विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा केंद्र सरकार के समक्ष उठाई जा रही है, परंतु अभी तक इस विषय पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिसके कारण नामांतरण का प्रश्न आज भी लंबित है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को हाईकोर्ट पेटेंट 1862 के अनुसार आवश्यक संशोधन करना होगा, और इसी दिशा में महाराष्ट्र सरकार को ठोस पहल कर केंद्र का ध्यान आकृष्ट करणे आवश्यक है।
सरकार की निष्क्रियता पर सवाल; मराठी को अभिजात भाषा का उदाहरण
अपने पत्र में प्रभु ने राज्य सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के नामांतरण पर अब तक कोई प्रभावी कदम न उठाया जाना खेदजनक है। उन्होंने यह भी स्मरण कराया कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रस्ताव विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था और मराठी भाषा के हित में यह ऐतिहासिक निर्णय व्यापक संघर्ष तथा सातत्यपूर्ण प्रयासों के बाद ही संभव हुआ। इसी प्रकार, अन्य कई प्रस्ताव भी विधानमंडल में पारित होकर सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं। इसलिए बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलकर मुंबई उच्च न्यायालय करना ही प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान के अनुरूप सही कदम होगा।
8 दिसंबर को विशेष सरकारी प्रस्ताव लाने की मांग
सुनील प्रभु ने पत्र में आग्रह किया है कि 8 दिसंबर को नागपुर में आरंभ होने वाले शीतकालीन अधिवेशन में इस विषय पर विशेष सरकारी प्रस्ताव पेश किया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव विधानसभा में सर्वसम्मति से मंजूर कर तुरंत केंद्र सरकार को भेजा जाना चाहिए,ताकि नामांतरण पर आवश्यक कार्रवाई शीघ्र शुरू हो सके।
प्रभु की भूमिका: “मुंबई की पहचान से मेल खाता न्यायालय का नाम आवश्यक”
विधायक प्रभु का कहना है की “मुंबई महाराष्ट्र का सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र है। ऐसे में न्यायपालिका को भी स्थानीय पहचान दिए जाने के उद्देश्य से बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलकर ‘मुंबई उच्च न्यायालय’ करना आवश्यक है। सरकार को इस दिशा में तुरंत पहल करनी चाहिए।”

