मुंबई: एसईबीसी के तहत दिए जाने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण पर क्या असर होगा? 4 अक्टूबर को सुनवाई
Mumbai: What will be the impact on the 10 percent reservation given under SEBC? Hearing on October 4
मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाण पत्र (जीआर) देकर 'अन्य पिछड़ा वर्ग' (ओबीसी) में शामिल करने के सरकार के फैसले का सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) के तहत दिए जाने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण पर क्या असर होगा? यह सवाल हाईकोर्ट में पूछा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। एसईबीसी में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाले कानून की वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस आरक्षण के समर्थन में कुछ याचिकाएँ भी दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे, न्यायमूर्ति एन. जे. जमादार और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पूर्ण पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। जारंगे-पाटिल, मुंबई। विरोध प्रदर्शन के बाद, राज्य सरकार ने उनकी कुछ माँगें मान लीं और 2 सितंबर को एक सरकारी फैसला जारी किया। कोर्ट ने इस पर सवाल उठाया है।
मुंबई: मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाण पत्र (जीआर) देकर 'अन्य पिछड़ा वर्ग' (ओबीसी) में शामिल करने के सरकार के फैसले का सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) के तहत दिए जाने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण पर क्या असर होगा? यह सवाल हाईकोर्ट में पूछा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। एसईबीसी में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाले कानून की वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस आरक्षण के समर्थन में कुछ याचिकाएँ भी दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे, न्यायमूर्ति एन. जे. जमादार और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पूर्ण पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। जारंगे-पाटिल, मुंबई। विरोध प्रदर्शन के बाद, राज्य सरकार ने उनकी कुछ माँगें मान लीं और 2 सितंबर को एक सरकारी फैसला जारी किया। कोर्ट ने इस पर सवाल उठाया है।
अदालत के सवाल और सरकार के जवाब हैदराबाद राजपत्र में नए सरकारी फैसले के जारी होने के बाद, सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण संबंधी पिछली अधिसूचना पर कोई फैसला नहीं लिया है। तो क्या दोनों फैसले एक साथ लागू हो सकते हैं? अदालत ने इस बार पूछा। सराफ ने अदालत को बताया कि नए सरकारी फैसले और पिछली अधिसूचना का एक-दूसरे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। नया सरकारी फैसला केवल मराठवाड़ा पर लागू है। सराफ ने यह भी स्पष्ट किया कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) की अधिसूचना पूरे मराठा समुदाय पर लागू है।

