आईटीआर फाइलिंग में कम आय दिखाई या गलत जानकारी दी तो टूट सकती है आफत! मिल सकता है नोटिस, जानिए पूरी डिटेल
If you file ITR with less information or wrong information, you may get into trouble! You have received a notice, know the complete details
By: Online Desk
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इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना हर टैक्सपेयर की जिम्मेदारी है. लेकिन कई बार लापरवाही या जानकारी की कमी की वजह से लोग अपनी आय कम दिखा देते हैं या फिर गलत जानकारी भर देते हैं ऐसा करना टैक्स चोरी के दायरे में आ सकता है और इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह सिर्फ़ कानूनी मसला नहीं बल्कि आपकी आर्थिक और सामाजिक साख पर भी असर डाल सकता है.
नई दिल्ली : इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना हर टैक्सपेयर की जिम्मेदारी है. लेकिन कई बार लापरवाही या जानकारी की कमी की वजह से लोग अपनी आय कम दिखा देते हैं या फिर गलत जानकारी भर देते हैं ऐसा करना टैक्स चोरी के दायरे में आ सकता है और इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह सिर्फ़ कानूनी मसला नहीं बल्कि आपकी आर्थिक और सामाजिक साख पर भी असर डाल सकता है.
अंडर रिपोर्टिंग और मिस रिपोर्टिंग क्या है?
अंडर रिपोर्टिंग का मतलब है असल आय से कम आय दिखाना. यानी आपकी टैक्स योग्य आय का कुछ हिस्सा रिटर्न में शामिल ही नहीं किया गया. दूसरी ओर, मिस रिपोर्टिंग का मतलब है आय के स्रोत, प्रकार या आंकड़ों के बारे में गलत या भ्रामक जानकारी देना. इसमें फर्जी इनवॉइस दिखाना, गलत कैटेगरी में इनकम दिखाना या ऐसी छूट का दावा करना शामिल है, जिसका आपको हक नहीं है.
कानून और पेनाल्टी
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 270ए में इसके लिए साफ प्रावधान दिए गए हैं. अगर असेसिंग ऑफिसर पाता है कि आपकी आय कम दिखाई गई है, तो उस पर टैक्स का 50% जुर्माना लगेगा. वहीं, जानबूझकर गलत जानकारी देने या फर्जीवाड़े के मामलों में यह पेनाल्टी टैक्स की 200% तक हो सकती है. इसके अलावा, धारा 234ए, 234बी और 234सी के तहत टैक्स और पेनाल्टी पर ब्याज भी लगता है. इतना ही नहीं, अगर आपके रिटर्न और बैंक डिटेल्स या फॉर्म 26 एएस में गलतफहमी पाई जाती है, तो टैक्स विभाग नोटिस भेज सकता है और जांच भी शुरू कर सकता है.
अंडर रिपोर्टिंग और मिस रिपोर्टिंग क्या है?
अंडर रिपोर्टिंग का मतलब है असल आय से कम आय दिखाना. यानी आपकी टैक्स योग्य आय का कुछ हिस्सा रिटर्न में शामिल ही नहीं किया गया. दूसरी ओर, मिस रिपोर्टिंग का मतलब है आय के स्रोत, प्रकार या आंकड़ों के बारे में गलत या भ्रामक जानकारी देना. इसमें फर्जी इनवॉइस दिखाना, गलत कैटेगरी में इनकम दिखाना या ऐसी छूट का दावा करना शामिल है, जिसका आपको हक नहीं है.
भारी नुकसान और सजा का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि गलत रिपोर्टिंग से आपको मिलने वाले वैध टैक्स छूट और एक्सेम्पशन भी रद्द हो सकते हैं. गंभीर मामलों में यह टैक्स चोरी की श्रेणी में आता है, जिससे न सिर्फ भारी जुर्माना बल्कि जेल तक हो सकती है. यही वजह है कि आईटीआर दाखिल करते समय पारदर्शिता और सटीकता ज़रूरी है. सही समय पर, सही जानकारी देने से आप कानूनी परेशानियों, आर्थिक नुकसान और बदनाम होने से बच सकते हैं.

