मुंबई : ‘महा-समन्वय’पोर्टल; सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ाएगा, फर्जीवाड़े पर लगाम लगाएगा और नागरिकों को सीधे उनके हक की जानकारी देगा
Mumbai: The 'Maha-Samnvay' portal will enhance transparency in government schemes, curb fraud, and provide direct information to citizens about their rights.
महाराष्ट्र सरकार 2 अक्टूबर को एक क्रांतिकारी डिजिटल पहल शुरू करने जा रही है. ‘महा-समन्वय’ नामक यह नया पोर्टल राज्य की सभी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों का एकीकृत और भरोसेमंद डाटाबेस बनकर सामने आएगा. सूत्रों ने बताया कि यह पोर्टल 'गोल्डन डेटा' का भंडार होगा, जो सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ाएगा, फर्जीवाड़े पर लगाम लगाएगा और नागरिकों को सीधे उनके हक की जानकारी देगा.
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार 2 अक्टूबर को एक क्रांतिकारी डिजिटल पहल शुरू करने जा रही है. ‘महा-समन्वय’ नामक यह नया पोर्टल राज्य की सभी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों का एकीकृत और भरोसेमंद डाटाबेस बनकर सामने आएगा. सूत्रों ने बताया कि यह पोर्टल 'गोल्डन डेटा' का भंडार होगा, जो सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ाएगा, फर्जीवाड़े पर लगाम लगाएगा और नागरिकों को सीधे उनके हक की जानकारी देगा. महाराष्ट्र सरकार की आईटी विभाग से जुड़े सूत्र ने बताया कि इस विभाग ने पिछले कई महीनों में 22 अलग-अलग डाटाबेस से जानकारी जुटाई. शुरुआती सूची में 15 करोड़ एंट्रियां दर्ज हुईं, जो राज्य की वास्तविक जनसंख्या से कहीं ज्यादा थीं. जांच के दौरान पता चला कि एक ही व्यक्ति की डुप्लीकेट एंट्री अलग-अलग स्रोतों जैसे बिजली बिल, राशन कार्ड और प्रॉपर्टी रिकॉर्ड के कारण कई बार दर्ज हुई है. कड़े सत्यापन और डुप्लीकेशन हटाने के बाद यह सूची घटकर 5.5 करोड़ वास्तविक और प्रमाणित लाभार्थियों तक सिमट गई है.
एक अधिकारी ने आगे बताया कि ‘महा-समन्वय’ सिर्फ सरकार के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी बनाया गया है. नागरिक अपनी महा आईडी (जो आधार नंबर से जुड़ी होगी) के जरिए लॉगिन कर सकेंगे और
• जान सकेंगे कि वर्तमान में वे किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं.
• यह भी देख पाएंगे कि वे और किन योजनाओं के लिए पात्र हैं, लेकिन अब तक लाभ नहीं ले पाए हैं.
26 लाख अपात्र लोगों ने उठाया लाडकी बहिन योजना का लाभ
इससे योग्य नागरिक अपने हक का लाभ उठा सकेंगे और अपात्र लोग व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे. ‘लाडकी बहिन योजना’ के ऑडिट में पाया गया कि 26 लाख से ज्यादा अपात्र लोगों ने योजना का लाभ उठाया, जिससे सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ.
इसी ने सरकार को लाभार्थियों के डाटाबेस को पूरी तरह साफ करने के लिए मजबूर किया. अब तय किया गया है कि भविष्य में कोई भी नई योजना सीधे ‘महा-समन्वय’ पोर्टल से ही लाभार्थियों का चयन करेगी.
समाजकल्याण विभाग का डेटा भी जोड़ा जाएगा
आईटी विभाग ने इस डाटाबेस को और मजबूत करने के लिए आयकर विभाग म्हाडा, सिडको और अन्य राज्य एजेंसियों के साथ डेटा इंटीग्रेशन शुरू किया है. इससे किसी भी लाभार्थी की आय, संपत्ति और पात्रता रीयल-टाइम में जांची जा सकेगी. आने वाले समय में इसमें शिक्षा और समाजकल्याण विभाग का डेटा भी जोड़ा जाएगा.
2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन इस पोर्टल का आधिकारिक शुभारंभ होगा. इसे पारदर्शी शासन और ईमानदार कल्याणकारी व्यवस्था का प्रतीक माना जा रहा है. वर्तमान में पोर्टल का यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट चल रहा है और लॉन्च के दिन से यह आम नागरिकों के लिए उपलब्ध होगा.

