मुंबई : राज्य सरकार के समक्ष अब केवल राहत ही नहीं बल्कि लोगों के पुनर्वसन का भी बड़ा प्रश्न - शरद पवार
Mumbai: The state government now faces not only relief but also the big question of rehabilitation of people - Sharad Pawar
कई जिलों में लगातार हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में भी इसका प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहा है। फसलें नष्ट हो गई हैं, मकान ढह गए हैं, पशु बह गए हैं और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। इस गंभीर स्थिति में राज्य सरकार के समक्ष अब केवल राहत ही नहीं बल्कि लोगों के पुनर्वसन का भी बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया है। इसे लेकर राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार ने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं।
मुंबई : कई जिलों में लगातार हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में भी इसका प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहा है। फसलें नष्ट हो गई हैं, मकान ढह गए हैं, पशु बह गए हैं और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। इस गंभीर स्थिति में राज्य सरकार के समक्ष अब केवल राहत ही नहीं बल्कि लोगों के पुनर्वसन का भी बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया है। इसे लेकर राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार ने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं।
- - वर्तमान में नुकसान के मूल्यांकन के लिए समयबद्ध सीमा तय है, लेकिन बाढ़ जैसी आपदा के बाद कुछ नुकसान देर से सामने आते हैं। इसलिए पंचनामा प्रक्रिया को लचीला बनाने की जरुरत है।
- - आपदा राहत को केवल मुआवजा नहीं, बल्कि प्रभावित लोगों के लिए एक नया जीवन पुनर्निर्माण समझा जाना चाहिए।
- - फसल दोबारा बोने के लिए विशेष सहायता, सिंचाई साधनों की मरम्मत, बांध जैसे कामों को मनरेगा के तहत चलाया जाए, ताकि रोजगार भी मिले।
- - स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, बिजली, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की पुनर्बहाली के लिए योजना बनाई जाए।
- - जरूरी सामान का वितरण योजनाबद्ध तरीके से हो।
- - किसानों के लिए विशेष फैसले लेने की जरुरत है। इसके साथ ही फसल बीमा योजना के नियमों में ढील दी जाए, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ ले सकें।
- - प्राइवेट बीमा कंपनियों की टालमटोल पर रोक लगाई जाए।
- - प्रभावित किसानों और छोटे व्यवसायियों के लिए कर्ज वसूली स्थगित की जाए और कर्ज माफी की घोषणा हो।
- - आपदा के बाद नागरिकों को मानसिक तनाव पैदा हुआ है। इसलिए काउंसलिंग शिविर लगाए जाएं, ताकि लोग कोई गलत कदम न उठाएं।

