नई दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 29 अप्रैल
New Delhi: Supreme Court to hear petitions filed in Pegasus espionage case on April 29
By: Online Desk
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सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय की है। इन याचिकाओं में पत्रकारों और अन्य नागरिकों की अनधिकृत निगरानी के आरोपों की जांच की मांग की गई है। पेगासस एक इस्राइली सॉफ्टवेयर है जिसे मोबाइल फोन को हैक कर निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 2021 में कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत में पत्रकारों, नेताओं, और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन की जासूसी की गई थी।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय की है। इन याचिकाओं में पत्रकारों और अन्य नागरिकों की अनधिकृत निगरानी के आरोपों की जांच की मांग की गई है। पेगासस एक इस्राइली सॉफ्टवेयर है जिसे मोबाइल फोन को हैक कर निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 2021 में कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत में पत्रकारों, नेताओं, और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन की जासूसी की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए थे।
पेगासस मामले में कोर्ट की पिछली कार्रवाई
2021 में सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच के लिए एक तकनीकी समिति और एक निगरानी समिति बनाई थी। तकनीकी समिति में साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक और नेटवर्क विशेषज्ञ - नवीन कुमार चौधरी, प्रभाहरण पी और अश्विन अनिल गुमास्ते शामिल थे। वहीं इस जांच की निगरानी पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन कर रहे थे, जिनकी सहायता पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक जोशी और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ संदीप ओबेरॉय कर रहे थे।
जांच में क्या पाया गया?
मामले में साल 2022 में अदालत को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, 29 में से पांच मोबाइल फोन में मैलवेयर मिला। लेकिन यह तय नहीं हो पाया कि वह पेगासस था या नहीं। अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने जांच में पूरा सहयोग नहीं किया।
याचिकाकर्ताओं की नाराजगी
आज की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने अदालत को बताया कि अभी तक तकनीकी समिति की रिपोर्ट याचिकाकर्ताओं को नहीं दी गई है, जबकि कोर्ट पहले इसके लिए निर्देश दे चुकी है। उन्होंने इस मामले को जल्दी सुनने की मांग की। इस मामले की सुनवाई के लिए समय की कमी के कारण जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अब यह मामला अगले सप्ताह यानी 29 अप्रैल को सुनने का आदेश दिया।
समिति की सिफारिशें
तीन भागों में तैयार की गई रिपोर्ट में एक भाग में यह सुझाव दिया गया है कि नागरिकों की निजता के अधिकार की रक्षा के लिए कानूनों में बदलाव किया जाए। देश की साइबर सुरक्षा को भी मजबूत बनाया जाए। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच समिति को यह पता लगाने का आदेश दिया था कि क्या केंद्र या किसी राज्य सरकार ने पेगासस खरीदा और क्या इसे भारतीय नागरिकों के खिलाफ इस्तेमाल किया गया।
पेगासस पर क्या आरोप हैं?
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह की रिपोर्ट में कहा गया था कि 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल नंबर पेगासस निगरानी सूची में थे। यह भी दावा किया गया कि 2019 में व्हाट्सएप हैकिंग के जरिए भारत में नागरिकों की निगरानी की गई।


