मुंबई : अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर 1800 करोड़ की जमीन घोटाले का आरोप, मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए

Mumbai: Ajit Pawar's son Parth Pawar accused of Rs 1,800 crore land scam, CM orders probe

मुंबई : अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर 1800 करोड़ की जमीन घोटाले का आरोप, मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार एक बड़े जमीन सौदे को लेकर विवादों में घिर गए हैं। शिवसेना (उद्धव) नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया है कि पार्थ पवार की कंपनी ने महार वतन की 1 हजार आठ सौ करोड़ रुपए की जमीन मात्र 300 करोड़ में खरीदी। दानवे का आरोप है कि इस सौदे में केवल 500 रुपए का स्टांप शुल्क भरा गया। आम तौर पर इतने बड़े सौदे पर लगभग 21 करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है, लेकिन उसे सिर्फ 48 घंटे में पूरी तरह माफ कर दिया गया।

मुंबई : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार एक बड़े जमीन सौदे को लेकर विवादों में घिर गए हैं। शिवसेना (उद्धव) नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया है कि पार्थ पवार की कंपनी ने महार वतन की 1 हजार आठ सौ करोड़ रुपए की जमीन मात्र 300 करोड़ में खरीदी। दानवे का आरोप है कि इस सौदे में केवल 500 रुपए का स्टांप शुल्क भरा गया। आम तौर पर इतने बड़े सौदे पर लगभग 21 करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है, लेकिन उसे सिर्फ 48 घंटे में पूरी तरह माफ कर दिया गया। इन आरोपों के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है। मामला बढ़ता देख मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्राथमिक तौर पर पुणे के तहसीलदार को निलंबित कर दिया है। हालांकि पार्थ ने अपनी किसी भी संदिग्ध भूमिका से इनकार किया है। यह सौदा पुणे के कोरेगांव पार्क में स्थित 40 एकड़ जमीन का है। क्या है ‘महार वतन’ जमीन मामला? जिस जमीन की खरीद को लेकर विवाद खड़ा हुआ है, वह ‘महार वतन’ की जमीन बताई जा रही है।

 

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ब्रिटिश काल और उससे पहले के समय में “महार वतन” प्रणाली के तहत महार समाज के लोगों को ग्राम सुरक्षा, संदेशवाहन और अन्य जिम्मेदारियों के बदले जमीन दी जाती थी। समय के साथ यह व्यवस्था शोषणकारी साबित हुई। इसीलिए महाराष्ट्र सरकार ने साल 1958 में ‘बॉम्बे इन्फीरियर विलेज वतन एबॉलिशन एक्ट’ लागू किया। सरकार की अनुमति के बिना ऐसी जमीन को न तो बेचा जा सकता है और न ही ट्रांसफर किया जा सकता है। क्या है अंबादास दानवे का आरोप है? शिवसेना (उद्धव) नेता अंबादास दानवे ने पार्थ पवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्थ की कंपनी ने यह जमीन सरकारी अनुमति के बिना खरीदी, यानी कानून का उल्लंघन किया गया है। दानवे ने अजित पवार पर तंज कसते हुए कहा कि हाल ही में अजित ने किसानों से कहा था, आपको सब कुछ फ्री में मिलता है। लेकिन आपको (अजित) 1 हजार 800 सौ करोड़ रुपये की जमीन 300 करोड़ रुपये में क्यों मिलती है? आपको स्टाम्प ड्यूटी क्यों माफ करनी पड़ती है? उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीर जांच की जरुरत है।

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मामले की जांच के आदेश दिए- फडणवीस इस पूरे विवाद पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मैंने इस प्रकरण की पूरी जानकारी मांगी है। राजस्व विभाग, आईजीआर और लैंड रिकॉर्ड विभाग से रिपोर्ट तलब की गई है। प्रारंभिक जानकारी के आधार पर यह मामला गंभीर प्रतीत होता है। इसकी विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार खुद इसका बचाव करेंगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुणे के तहसीलदार को निलंबित कर दिया है। साथ ही मुद्रांक अधीक्षक पुणे की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी सात दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। असली सौदा किसने किया? साल 2025 में इस जमीन का सौदा अमेडिया होल्डिंग कंपनी नाम की एक नई कंपनी ने किया। इस कंपनी की कुल पूंजी निवेश मात्र 1 लाख रुपए है। फिर भी इस कंपनी ने 300 करोड़ रुपए में यह जमीन खरीदी। इस कंपनी के दो डायरेक्टर हैं। जिनमें पार्थ पवार और दिग्विजय अमरसिंह पाटील हैं। कंपनी ने दावा किया कि वह जमीन पर आईटी पार्क बनाएगी, जिससे स्टांप ड्यूटी पूरी तरह माफ हो गई।

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अजित पवार ने दी सफाई पार्थ पवार पर लगे आरोपों पर बोलते हुए अजित पवार ने कहा, मेरा इस मामले से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। मैं इस बारे में सारी जानकारी लूंगा और बाद में बोलूंगा। आज तक मैंने अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए एक भी अफसर को फोन नहीं किया। अगर कोई मेरे नाम का इस्तेमाल करके कुछ गलत कर रहा है, तो मैं उसका सपोर्ट नहीं करूंगा। मुख्यमंत्री को जांच करनी चाहिए, यह उनका हक है। सब कुछ नियमों के हिसाब से होना चाहिए। यह पता पार्थ के नाम पर है, मेरे नाम पर नहीं। जांच होने तक इस्तीफा दें अजित पवार- खड़से राकांपा (शरद) नेता एकनाथ खड़से ने अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्थ पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि आरोप अजित पवार के परिवार पर लगे हैं, इसलिए अजित को जांच होने तक इस्तीफा दे देना चाहिए।
 

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