मुंबई : पर्यूषण पर्व पर दो दिन बंद रहेगा देवनार कत्लखाना - मनपा
Mumbai: Deonar slaughterhouse will remain closed for two days during Paryushan festival - Municipal Corporation
मनपा प्रशासन ने जानकारी दी कि कोर्ट के निर्देश के बाद विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद मनपा ने पर्यूषण पर्व के दौरान पशु वध और मांस की बिक्री पर एक दिन की बंदी लगाने का निर्णय लिया है। इसी तरह 7 सितंबर को गणेश उत्सव त्यौहार होने के कारण इस दिन भी क़त्ल खाना बंद रखने का निर्णय लिया गया है। पर्यूषण पर्व त्योहार 31 अगस्त से 7 सितंबर के बीच मनाया जा रहा है।
मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए मनपा प्रशासन ने एक आदेश जारी किया है जिसके तहत पर्यूषण के समय दो दिन 4 और 7 सितंबर को देवनार कत्लखाने को बंद करने का निर्णय लिया है। जैन ट्रस्ट ने मुंबई हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि पर्यूषण के समय सात दिन तक कत्लखाना बंद रखा जाए। कोर्ट ने मनपा को तत्काल निर्णय लेने का आदेश दिया था।
मनपा प्रशासन ने जानकारी दी कि कोर्ट के निर्देश के बाद विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद मनपा ने पर्यूषण पर्व के दौरान पशु वध और मांस की बिक्री पर एक दिन की बंदी लगाने का निर्णय लिया है। इसी तरह 7 सितंबर को गणेश उत्सव त्यौहार होने के कारण इस दिन भी क़त्ल खाना बंद रखने का निर्णय लिया गया है। पर्यूषण पर्व त्योहार 31 अगस्त से 7 सितंबर के बीच मनाया जा रहा है।
पर्यूषण पर्व जैन धर्मावलंबियों का एक वार्षिक पवित्र त्योहार है और आध्यात्मिक उत्थान तथा आत्म-शुद्धि के लिए मनाया जाता है। जैन ट्रस्ट ने इस समय पूरे सप्ताह पशु वध और मांस की बिक्री पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। मनपा ने अक्टूबर 2015 में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसके अनुसार कत्लखाने सालाना केवल 15 दिनों के लिए बंद रखा जाएगा, जिसमें पर्यूषण पर्व शामिल नहीं है।
चूँकि यह त्योहार गणेश चतुर्थी के साथ ही पड़ रहा है, इसलिए पर्यूषण पर्व को एक दिन कत्लखाने को अवकाश कैलेंडर में शामिल कर लिया गया है। शेठ मोतीशा लालबाग जैन चैरिटीज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि जैन धर्म पर्यूषण के दौरान शांति और 'अहिंसा' सहित विश्वास के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
इस समय पशु क़त्ल होता है तो जैन धर्म के लिए हानिकारक होगा। ट्रस्ट ने पशु वध और मांस की बिक्री पर 31 अगस्त से 7 सितंबर के दौरान पशुओं की खरीद और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। मुंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने मनपा को इस विषय पर तत्काल निर्णय लेने का आदेश दिया था।

