मुंबई : शहर में वायु प्रदूषण; स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लाने का फैसला
Mumbai: Air pollution in the city; decision to introduce early warning system to keep the situation under control
ठंड का मौसम नजदीक आते ही शहर में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगता है। पिछले वर्षों में अक्टूबर से जनवरी तक शहर की हवा की गुणवत्ता कई बार खराब पाई गई थी, जिससे बीएमसी की किरकरी भी हुई थी। इस बार स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए बीएमसी ने अर्ली वार्निंग सिस्टम लाने का फैसला किया है, ताकि प्रदूषण बढ़ने से पहले ही उसे नियंत्रित किया जा सके। बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में शहर में 28 जगहों पर वायु गुणवत्ता सेंसर लगे हैं, लेकिन प्रदूषण बढ़ने के बाद ही स्थिति पता चलती है। इससे अन्य इलाके भी प्रभावित हो जाते हैं। अर्ली वार्निंग सिस्टम के तहत अब मौसम की चेतावनी की तरह पहले से अलर्ट जारी किया जाएगा।
मुंबई : ठंड का मौसम नजदीक आते ही शहर में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगता है। पिछले वर्षों में अक्टूबर से जनवरी तक शहर की हवा की गुणवत्ता कई बार खराब पाई गई थी, जिससे बीएमसी की किरकरी भी हुई थी। इस बार स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए बीएमसी ने अर्ली वार्निंग सिस्टम लाने का फैसला किया है, ताकि प्रदूषण बढ़ने से पहले ही उसे नियंत्रित किया जा सके। बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में शहर में 28 जगहों पर वायु गुणवत्ता सेंसर लगे हैं, लेकिन प्रदूषण बढ़ने के बाद ही स्थिति पता चलती है। इससे अन्य इलाके भी प्रभावित हो जाते हैं। अर्ली वार्निंग सिस्टम के तहत अब मौसम की चेतावनी की तरह पहले से अलर्ट जारी किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए 3.7 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है और मशीनें शहर के विभिन्न इलाकों में लगाई जाएंगी। टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
बीएमसी का यह सिस्टम 75 सेंसर और 12 विशेष मशीनों के माध्यम से वायु प्रदूषण का वास्तविक स्रोत तुरंत पहचान सकेगा। अधिकारी ने बताया कि अधिकतर प्रदूषण निर्माणाधीन इमारतों और वाहनों से निकलता है। सेंसर लगने के बाद अगले पांच वर्षों तक उनका रखरखाव संबंधित कंपनी द्वारा किया जाएगा। इसका कुल खर्च लगभग 15 करोड़ रुपये है।
दिवाली के बाद प्रदूषण सबसे तेजी से बढ़ता है। सर्दियों में हवा की गति धीमी हो जाती है, जिससे निर्माणाधीन इमारतों और वाहनों से निकला प्रदूषण एक जगह इकट्ठा हो जाता है। इसका सीधे नागरिकों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
बीएमसी ने पहले ही बारिश के बाद सड़क साफ करने और रेडीप क्लीन ड्राइव चलाने का प्लान तैयार कर रखा है। इसके लिए पानी के टैंकर्स और अन्य संसाधन भी तय किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि इस सिस्टम से शहर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण मजबूत होगा और नागरिकों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा।

