मुंबई : 325 करोड़ रुपये से अधिक का एक बड़ा कॉरपोरेट घोटाला; पुलिस की EOW में शिकायत दर्ज 

Mumbai: A major corporate scam worth over Rs 325 crore has been uncovered; police have filed a complaint with the EOW.

मुंबई : 325 करोड़ रुपये से अधिक का एक बड़ा कॉरपोरेट घोटाला; पुलिस की EOW में शिकायत दर्ज 

मुंबई के शिपिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में 325 करोड़ रुपये से अधिक का एक बड़ा कॉरपोरेट घोटाला सामने आया है. रुशभ सीलिंक एंड लॉजिस्टिक्स प्रा. लि. के निदेशक विशाल मेहता ने इस संदर्भ में मुंबई पुलिस की EOW में शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत के आधार पर EOW ने जांच शुरू कर दी है. सूत्रों ने बताया कि मेहता ने शिकायत में ALX शिपिंग एजेंसीज़ इंडिया प्रा. लि. (ऑलकॉर्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड की सहायक कंपनी), दुबई स्थित अलादीन एक्सप्रेस DMCC और OEL एक्सप्रेस इंडिया प्रा. लि. पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शिकायत के अनुसार, इन कंपनियों ने विशाल मेहता को जहाज संचालन में निवेश के लिए यह आश्वासन दिया था कि उन्हें निश्चित मुनाफा मिलेगा. शुरुआती लेन-देन में भरोसा कायम किया गया, लेकिन बाद में करोड़ों रुपये नए सौदों के नाम पर हड़प लिए गए.

मुंबई :  मुंबई के शिपिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में 325 करोड़ रुपये से अधिक का एक बड़ा कॉरपोरेट घोटाला सामने आया है. रुशभ सीलिंक एंड लॉजिस्टिक्स प्रा. लि. के निदेशक विशाल मेहता ने इस संदर्भ में मुंबई पुलिस की EOW में शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत के आधार पर EOW ने जांच शुरू कर दी है. सूत्रों ने बताया कि मेहता ने शिकायत में ALX शिपिंग एजेंसीज़ इंडिया प्रा. लि. (ऑलकॉर्गो लॉजिस्टिक्स लिमिटेड की सहायक कंपनी), दुबई स्थित अलादीन एक्सप्रेस DMCC और OEL एक्सप्रेस इंडिया प्रा. लि. पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शिकायत के अनुसार, इन कंपनियों ने विशाल मेहता को जहाज संचालन में निवेश के लिए यह आश्वासन दिया था कि उन्हें निश्चित मुनाफा मिलेगा. शुरुआती लेन-देन में भरोसा कायम किया गया, लेकिन बाद में करोड़ों रुपये नए सौदों के नाम पर हड़प लिए गए.

Leela Mombasa से जुड़ा घोटाला क्या है?

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सबसे बड़ा घोटाला Leela Mombasa और XXH-2 नामक जहाजों से जुड़ा बताया गया है. Leela Mombasa को 1 अगस्त 2025 को न्हावा शेवा पहुंचना था लेकिन यह 13 अगस्त को डॉक हुई और जिबूती जाने की बजाय ओमान भेज दी गई, जिसमें 130 करोड़ रुपये का माल भरा था. इसी दौरान 26 अगस्त को विशाल मेहता से कथित तौर पर 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) की जबरन वसूली की गई.

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आरोप है कि ALX और अलादीन एक्सप्रेस के अधिकारियों ने कहा कि जहाजों को आगे बढ़ाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. भुगतान के बाद भी जहाज समय पर नहीं पहुंचे. Leela Mombasa 15 सितंबर को जिबूती पहुंची, जबकि XXH-2 को जेद्दा से कराची मोड़ दिया गया और 10 दिन तक रोके रखा गया. 

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सुरक्षा चेक भी हो गए बाउंस
इतना ही नहीं, ALX शिपिंग एजेंसीज़ इंडिया प्रा. लि. और OEL एक्सप्रेस इंडिया प्रा. लि. द्वारा दिए गए सुरक्षा चेक भी बाउंस हो गए. एक चेक अपर्याप्त राशि के कारण और दूसरा सिग्नेचर में गलती के कारण अस्वीकार कर दिया गया. नतीजा यह हुआ कि 290 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का माल अभी भी आरोपियों के नियंत्रण में है और निर्यातकों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

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सुनियोजित कॉरपोरेट साजिश-विशाल मेहता
रुशभ सीलिंक एंड लॉजिस्टिक्स प्रा. लि. के निदेशक विशाल मेहता का कहना है कि यह एक सुनियोजित कॉरपोरेट साजिश है जिसमें भारतीय और विदेशी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. शिकायत में ALX शिपिंग एजेंसीज़ इंडिया प्रा. लि., ऑलकॉर्गो लॉजिस्टिक्स लि., अलादीन एक्सप्रेस DMCC और OEL एक्सप्रेस इंडिया प्रा. लि. के साथ-साथ उनके शीर्ष प्रतिनिधियों के नाम दर्ज किए गए हैं, जिनमें संदीप बक्शी, रवि जाखर, विकस खान, अली खान, विंग किट त्सोई (मिस्टर एंडी), अब्दुल्ला और मोहम्मद रिज़वान शेख शामिल हैं.

लॉजिस्टिक्स उद्योग की विश्वसनीयता का सवाल-विशाल मेहता
विशाल मेहता ने ABP न्यूज़ से कहा, "यह सिर्फ़ एक कंपनी का मामला नहीं है बल्कि भारत की शिपिंग और लॉजिस्टिक्स उद्योग की विश्वसनीयता का सवाल है. हमारी शिकायत में सभी तथ्य अधिकारियों के सामने रखे गए हैं. इस मामले में ALX शिपिंग एजेंसीज़ (ऑलकॉर्गो लॉजिस्टिक्स की सहायक कंपनी) और अलादीन एक्सप्रेस DMCC जैसी कंपनियों की संलिप्तता, जहाँ ऑलकॉर्गो लॉजिस्टिक्स, हचिसन पोर्ट और विकस खान जैसे हितधारक जुड़े होने की बात सामने आई है, यह दिखाता है कि मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का है. 

निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की उम्मीद
उन्होंने कहा, ''हमें पूरा विश्वास है कि आर्थिक अपराध शाखा और संबंधित प्राधिकरण निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करेंगे.'' वहीं, EOW सूत्रों ने बताया कि इस मामले में प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली गई है और जिन-जिन पर आरोप लगाए गए हैं, उन्हें अपने पक्ष रखने के लिए संबंधित दस्तावेज़ों के साथ बुलाया गया है ताकि उनका बयान दर्ज किया जा सके.