बैंकिंग फ्रॉड पर लगेगी लगाम! इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने बनाया कमाल का सॉफ्टवेयर, जानें कैसे करता है काम?
Banking fraud will be curbed! Engineering students have created amazing software. Learn how it works.
वर्तमान समय में बैंकिंग के क्षेत्र में साइबर फ्रॉड लगातार बढ़ रहे हैं, जिसमें अपराधी लोगों के खाते से पैसे निकाल कर उन्हें चूना लगा देते हैं. इस समस्या को देखते हुए सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष के छात्र प्रखर गंगवार ने अपने आईटी विभाग के साथ मिलकर एक अभिनव सॉफ्टवेयर तैयार किया है.
मेरठ: वर्तमान समय में बैंकिंग के क्षेत्र में साइबर फ्रॉड लगातार बढ़ रहे हैं, जिसमें अपराधी लोगों के खाते से पैसे निकाल कर उन्हें चूना लगा देते हैं. इस समस्या को देखते हुए सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष के छात्र प्रखर गंगवार ने अपने आईटी विभाग के साथ मिलकर एक अभिनव सॉफ्टवेयर तैयार किया है. इस टीम में प्रियांशु यादव, दिव्यांशु राठौर, प्रियांशु श्रीवास्तव और हिमांशु सिंह शामिल हैं. इस सॉफ्टवेयर का नाम “स्कैम ब्रेकर” रखा गया है, जिसका उद्देश्य साइबर फ्रॉड से होने वाले नुकसान को कम करना है. प्रखर ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग करता है और बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ सॉफ्टवेयर की खासियत
प्रखर गंगवार के अनुसार, फ्रॉड करने वाले लोग अपनी पहचान छुपाने के लिए विभिन्न डिजिटल चैनलों का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है. इसे देखते हुए उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित यह सॉफ्टवेयर बनाया है. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अगर कोई स्कैमर किसी खाते से पैसे निकालने की कोशिश करता है, तो संबंधित खाताधारक को तुरंत मैसेज अलर्ट मिलेगा. खाताधारक को उस ओटीपी का सत्यापन करना होगा तभी ट्रांजैक्शन सफल होगा. यह प्रणाली खाते की सुरक्षा को एक नई दिशा देगी और खाताधारकों को धोखाधड़ी से बचाएगी.
फेस वेरिफिकेशन की सुविधा
प्रखर ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर में फेस वेरिफिकेशन की सुविधा भी शामिल है. ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करते समय, ओटीपी के साथ खाताधारक को फेस वेरिफिकेशन के लिए कॉल या नोटिफिकेशन प्राप्त होगा. बैंक में पहले से ही खाता धारक की फोटो और फेस डाटा मौजूद होने के कारण, अगर फेस मैच नहीं होता है तो ट्रांजैक्शन स्वतः फेल हो जाएगा. यह सुविधा साइबर फ्रॉड की घटनाओं को काफी हद तक रोक सकती है.
भविष्य में इस सॉफ्टवेयर का महत्व
सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर इंजीनियर आशुतोष मिश्रा और इंजीनियर निधि चौहान ने इस परियोजना की सराहना की है. उनका कहना है कि इस तरह का सॉफ्टवेयर भविष्य में बैंकिंग सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने बताया कि कॉलेज इस सॉफ्टवेयर में और नई तकनीकी सुविधाएं जोड़ने पर काम कर रहा है और आईआईटी बॉम्बे के साथ मिलकर भी इस पर आगे कार्य किया जाएगा.

