मुंबई: कबूतरों को खाना खिलाने पर लगी रोक को फिलहाल बरकरार; उचित नीति बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश
Mumbai: Ban on feeding pigeons remains in place for now; Instructions to form an expert committee to formulate a proper policy
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई में कबूतरों को खाना खिलाने पर लगी रोक को फिलहाल बरकरार रखा है. कोर्ट ने साफ किया कि उसने कबूतरखानों को बंद करने का कोई आदेश नहीं दिया है. हालांकि, हाई कोर्ट ने इस मामले पर उचित नीति बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि उसने नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बीएमसी और राज्य सरकार को विशेषज्ञों की सलाह लेकर ठोस निर्णय लेने की छूट दी है.
मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई में कबूतरों को खाना खिलाने पर लगी रोक को फिलहाल बरकरार रखा है. कोर्ट ने साफ किया कि उसने कबूतरखानों को बंद करने का कोई आदेश नहीं दिया है. हालांकि, हाई कोर्ट ने इस मामले पर उचित नीति बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि उसने नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बीएमसी और राज्य सरकार को विशेषज्ञों की सलाह लेकर ठोस निर्णय लेने की छूट दी है.
कोर्ट ने कहा कि कबूतरों की बीट से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इसके मद्देनजर कोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया कि वह विशेषज्ञों की मदद से वैकल्पिक उपायों पर विचार करे. साथ ही पक्षियों को दाना डालने के लिए कोई वैकल्पिक स्थान तय करने का सुझाव भी कोर्ट ने दिया. बीएमसी अब तक 142 लोगों पर जुर्माना लगा चुकी है और करीब 68,700 रुपये वसूले जा चुके हैं. हाई कोर्ट में इस मुद्दे पर अगली सुनवाई बुधवार को होगी.
दादर के कबूतरखाने में हुआ बवाल
इससे पहले, दादर इलाके में स्थित एक कबूतरखाने पर बीएमसी द्वारा डाला गया तिरपाल प्रदर्शनकारियों ने हटा दिया. प्रदर्शनकारियों में जैन समुदाय के लोग शामिल थे, जो कबूतरों को दाना डालना अपनी धार्मिक आस्था का हिस्सा मानते हैं. पुलिस के रोकने पर झड़प भी हुई. घटना के बाद राज्य के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा मौके पर पहुंचे. उन्होंने प्रदर्शन की निंदा की और कहा कि जैन मंदिर के ट्रस्ट का इस प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है. लोढ़ा ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि पुलिस उचित कार्रवाई करेगी.

