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वसई : जरूरी शर्तों के तहत प्राकृतिक तालाबों में पूजा की अनुमति; समुद्र में निर्माल्य विसर्जन पर रोक 

वसई : जरूरी शर्तों के तहत प्राकृतिक तालाबों में पूजा की अनुमति; समुद्र में निर्माल्य विसर्जन पर रोक  वसई-विरार में रहने वाले छठ व्रतियों के लिए बड़ी खबर है। आगामी 27 और 28 अक्टूबर को मनाए जाने वाले छठ पूजा उत्सव में श्रद्धालु अब समुद्र और तालाब के किनारे सुरक्षित और पर्यावरण और परंपरा के अनुरूप पूजा कर सकेंगे। वसई की विधायक स्नेहा दुबे पंडित और नालासोपारा के विधायक राजन नाईक की पहल से यह संभव हुआ है। पर्यावरण संरक्षण के लिए जारी उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत प्राकृतिक तालाबों और समुद्र में निर्माल्य विसर्जन पर रोक है।
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Maharashtra 

मुंबई : पुलिस के काम में दखल नहीं दिया, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि सोलापुर में स्थिति शांत रहे और आगे न बढ़े - अजीत पवार

मुंबई : पुलिस के काम में दखल नहीं दिया, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि सोलापुर में स्थिति शांत रहे और आगे न बढ़े - अजीत पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख अजीत पवार ने पुलिस अधिकारियों के प्रति अपने सम्मान की पुष्टि की, एक वायरल वीडियो के बाद जिसमें उन्हें सोलापुर जिले में एक महिला भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी पर कथित तौर पर दबाव डालते हुए दिखाया गया था, जो अवैध मिट्टी खुदाई की शिकायतों की जांच कर रही थी। एक्स पर एक पोस्ट में पवार ने कहा कि उनका इरादा पुलिस के काम में हस्तक्षेप करने का कभी नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि सोलापुर में स्थिति "शांत रहे और आगे न बढ़े।"
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मुंबई: कबूतरों को खाना खिलाने पर लगी रोक को फिलहाल बरकरार; उचित नीति बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश 

मुंबई: कबूतरों को खाना खिलाने पर लगी रोक को फिलहाल बरकरार; उचित नीति बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश  बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई में कबूतरों को खाना खिलाने पर लगी रोक को फिलहाल बरकरार रखा है. कोर्ट ने साफ किया कि उसने कबूतरखानों को बंद करने का कोई आदेश नहीं दिया है. हालांकि, हाई कोर्ट ने इस मामले पर उचित नीति बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि उसने नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बीएमसी और राज्य सरकार को विशेषज्ञों की सलाह लेकर ठोस निर्णय लेने की छूट दी है.
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Maharashtra 

यवतमाल जिले में लगभग 3,000 साल पुरानी सभ्यता के अवशेष और उसके घर मिलने का दावा

यवतमाल जिले में लगभग 3,000 साल पुरानी सभ्यता के अवशेष और उसके घर मिलने का दावा नागपुर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में लगभग 3,000 साल पुरानी सभ्यता के अवशेष और उसके घर मिलने का दावा किया है और उनका मानना है कि ये लौह युग के हैं। नागपुर विश्वविद्यालय में प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रभाष साहू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि विभाग की एक टीम ने 2023-24 में यहां बाबुलगांव तालुका के पचखेड़ गांव में खुदाई की। उन्होंने बताया कि पचखेड़ गांव के बाहर एक टीला है जो एक पुरातात्विक स्थल है, जहां पिछले साल खुदाई के दौरान उन्हें सांस्कृतिक अवशेष मिले थे।
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