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Read More... मुंबई : ढाई साल की बेटी के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले की सीआईडी या किसी इंडिपेंडेंट एजेंसी से जांच कराने की मांग; बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी
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एक 24 साल की महिला ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दी है, जिसमें उसने अपने और अपनी ढाई साल की बेटी के साथ हुए कथित छेड़छाड़ के मामले की सीआईडी या किसी इंडिपेंडेंट एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। उसने सिन्नर पुलिस के आरोपियों के साथ 'नरमी' से पेश आने पर गहरी चिंता जताई और न्याय दिलाने में 'सिस्टम की नाकामी' का आरोप लगाया। मुंबई : झुग्गी बस्तियों के पुनर्विकास में तेज़ी लाने के लिए झुग्गी निवासियों की सहमति आवश्यक नहीं - राज्य सरकार ; एसआरए को नोडल एजेंसी नियुक्त किया
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मुंबई की मलिन बस्तियों के पुनर्विकास में तेज़ी लाने के लिए राज्य सरकार ने कहा कि स्लम क्लस्टर पुनर्विकास योजना के लिए झुग्गी निवासियों की सहमति आवश्यक नहीं है। जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, राज्य ने न्यूनतम 50 एकड़ के सन्निहित भूमि क्षेत्र पर भी झुग्गी क्लस्टरों की अनुमति दी है, जिसमें से 51% से अधिक स्लम क्षेत्र होगा। विकास नियंत्रण एवं संवर्धन विनियम (डीसीपीआर) के विनियम 33(10) के तहत पहले से स्वीकृत योजनाओं को क्लस्टर पुनर्विकास योजना में शामिल किया जा सकता है।यह निर्दिष्ट क्लस्टर क्षेत्र के भीतर औद्योगिक, वाणिज्यिक और गोदाम भवनों सहित गैर-स्लम संरचनाओं पर भी लागू होता है। ठाणे : ट्रैवल एजेंसी के तीन मालिकों के खिलाफ एक आदमी से 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज
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ठाणे पुलिस ने ठाणे में एक ट्रैवल एजेंसी के तीन मालिकों के खिलाफ एक आदमी से 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने उस आदमी और उसके परिवार के लिए वादा किया हुआ हज का इंतज़ाम नहीं किया। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि आरोपी मुंब्रा के अमृत नगर से अपनी एजेंसी चला रहे थे। प्रवर्तन निदेशालय का समन आया है? अब क्यूआर कोड से वेरिफाइ कर पाएंगे, एजेंसी ने कहा- ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई चीज नहीं
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प्रवर्तन निदेशालय ने नकली समन और डिजिटल गिरफ्तारी के बढ़ते मामलों पर सख्त कदम उठाते हुए समन जारी करने की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बना दिया है. हाल ही में ईडी के नाम पर कुछ ठगों द्वारा फर्जी समन भेजकर लोगों से जबरन वसूली और धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए थे. कई बार ये समन असली की तरह दिखते थे, जिससे आम लोग असली और नकली में फर्क नहीं कर पाते थे. अब इस खतरे को रोकने के लिए ईडी ने एक नई हाई-सिक्योरिटी डिजिटल सिस्टम शुरू किया है. इस व्यवस्था के तहत हर समन पर अब एकक्यूआर कोड और एक यूनिक पासकोड होगा. इन दोनों की मदद से कोई भी व्यक्ति ईडी की वेबसाइट या मोबाइल के जरिए समन की सच्चाई जांच सकेगा. 