मुंबई : हाईकोर्ट का महारेरा को निर्देश... दोबारा शुरू करें प्रत्यक्ष सुनवाई!
Mumbai: High Court directs MahaRERA... start direct hearing again!
कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रिब्यूनल को हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पक्षकारों को सभी माध्यमों से सुनवाई का अवसर मिले। न्याय तक पहुंचना एक संवैधानिक अधिकार है और इसे किसी प्रक्रिया के नाम पर सीमित नहीं किया जा सकता। विशेष रूप से जब दोनों विकल्प प्रत्यक्ष और आभासी - उपलब्ध हों, तब पक्षकारों को उनकी सुविधा अनुसार तरीका चुनने का अधिकार मिलना चाहिए।
मुंबई : मुंबई हाईकोर्ट ने महारेरा को निर्देश दिया है कि चार सप्ताह के भीतर प्रत्यक्ष सुनवाई दोबारा शुरू करें। कोर्ट ने कहा है कि पक्षकारों को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वे सुनवाई की विधि स्वयं चुन सकें। प्रक्रियात्मक निष्पक्षता के अंतर्गत पक्षकारों को यह अधिकार मिलना उचित होगा। बता दें कि महारेरा ने कोरोना महामारी के दौरान प्रत्यक्ष सुनवाई की सुविधा बंद कर दी थी।
अब जब हालात सामान्य हो चुके हैं, तब भी महारेरा केवल ऑनलाइन (आभासी) सुनवाई की अनुमति दे रहा है और प्रत्यक्ष सुनवाई का विकल्प पक्षकारों को नहीं दिया जा रहा है। इस पर नाराजगी जताते हुए न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि न्यायिक कार्यवाही की उपलब्धता में प्रत्यक्ष या आभासी किसी भी माध्यम से सुनवाई में शामिल होने का विकल्प शामिल होना चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रिब्यूनल को हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पक्षकारों को सभी माध्यमों से सुनवाई का अवसर मिले। न्याय तक पहुंचना एक संवैधानिक अधिकार है और इसे किसी प्रक्रिया के नाम पर सीमित नहीं किया जा सकता। विशेष रूप से जब दोनों विकल्प प्रत्यक्ष और आभासी - उपलब्ध हों, तब पक्षकारों को उनकी सुविधा अनुसार तरीका चुनने का अधिकार मिलना चाहिए।

