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Read More... मुंबई : हाईकोर्ट का महारेरा को निर्देश... दोबारा शुरू करें प्रत्यक्ष सुनवाई!
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By Online Desk
कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रिब्यूनल को हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पक्षकारों को सभी माध्यमों से सुनवाई का अवसर मिले। न्याय तक पहुंचना एक संवैधानिक अधिकार है और इसे किसी प्रक्रिया के नाम पर सीमित नहीं किया जा सकता। विशेष रूप से जब दोनों विकल्प प्रत्यक्ष और आभासी - उपलब्ध हों, तब पक्षकारों को उनकी सुविधा अनुसार तरीका चुनने का अधिकार मिलना चाहिए। 