भोपाल : MP सरकार लेगी नया 5,200 करोड़ का लोन, कर्ज का बोझ 4.64 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा
Bhopal: MP government to take fresh loan of Rs 5,200 crore, debt burden reaches Rs 4.64 lakh crore
मध्य प्रदेश सरकार 29 अक्टूबर को लगभग ₹5,200 करोड़ का नया कर्ज लेने जा रही है. यह कर्ज राज्य स्थापना दिवस से ठीक पहले लिया जाएगा और इसे विकास परियोजनाओं, लाड़ली बहना योजना के भुगतान और अन्य जरूरी खर्चों में लगाया जाना है. यह ऋण दो किश्तों में लिया जाएगा: पहली किश्त ₹2,700 करोड़ और दूसरी ₹2,500 करोड़ की होगी. इसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है तो सरकार ने भी पलटवार किया है. दरअसल अब इस कदम के बाद इस वित्त वर्ष का कुल उधार लगभग ₹42,600 करोड़ तक पहुँच जाएगा जबकि राज्य का कुल कर्ज बोझ बढ़कर लगभग ₹4.64 लाख करोड़ हो गया है.
भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार 29 अक्टूबर को लगभग ₹5,200 करोड़ का नया कर्ज लेने जा रही है. यह कर्ज राज्य स्थापना दिवस से ठीक पहले लिया जाएगा और इसे विकास परियोजनाओं, लाड़ली बहना योजना के भुगतान और अन्य जरूरी खर्चों में लगाया जाना है. यह ऋण दो किश्तों में लिया जाएगा: पहली किश्त ₹2,700 करोड़ और दूसरी ₹2,500 करोड़ की होगी. इसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है तो सरकार ने भी पलटवार किया है. दरअसल अब इस कदम के बाद इस वित्त वर्ष का कुल उधार लगभग ₹42,600 करोड़ तक पहुँच जाएगा जबकि राज्य का कुल कर्ज बोझ बढ़कर लगभग ₹4.64 लाख करोड़ हो गया है.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह इस वित्तीय वर्ष की 20वीं और 21वीं कड़ी उधार होगी. कर्ज लेने की मुख्य वजहें विकास परियोजनाएं, सामाजिक योजनाएं और बड़ी आर्थिक जरूरतें बताई गई हैं. उदाहरण के तौर पर, ‘लाड़ली बहना’ जैसी योजना के लाभार्थियों को भुगतान करना इसकी जरूरतों में शामिल है. सरकार का दावा है कि यह ऋण सीमा और राजकोषीय नियमों के दायरे में है.
भविष्य की वित्तीय चुनौतियां
सरकार का कहना है कि यह कर्ज उत्पादक क्षेत्रों में निवेश के लिए होगा और यह राजकोषीय नियमों के भीतर है. इससे पहले भी, सरकार ने इस वित्त वर्ष में कई बार कर्ज लिया था- अक्टूबर से पहले भी ₹3,000 करोड़ का ऋण लिया गया था. वित्त विभाग का कहना है कि ऐसे उधार का उद्देश्य धन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है ताकि योजनाएँ समय पर पूरी हो सकें.
बढ़ता कर्ज भविष्य की वित्तीय चुनौतियों को बढ़ावा देगा?
लेकिन विपक्षी दल इस कदम को लेकर सवाल उठा रहे हैं; क्या बढ़ता कर्ज भविष्य की वित्तीय चुनौतियों को बढ़ावा देगा? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस ऋण की समय-निर्धारण और तरीके से सामान्य जनता में भी सवाल खड़े होंगे, जैसे कि कर्ज लौटाने की समय-सीमा, ब्याज दरें और इसका योजनाओं की स्थिरता पर असर कैसा होगा. इस बीच, सरकार का कहना है कि यह कदम निवेश और विकास-उन्मुख है.

