मुंबई :दंपती से 58 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में बड़ा खुलासा; 14 महीनों में 513 करोड़ का लेनदेन
Mumbai: Major revelation in the case of a couple who was cyber-frauded of Rs 58 crore; transactions worth Rs 513 crore in 14 months.
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने शहर के कारोबारी दंपती से 58 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में बड़ा खुलासा किया है. जांच में पता चला है कि इस ठगी के पैसे को एक विदेशी बैंक के म्यूल अकाउंट (यानी ऐसा खाता जिसके जरिए अपराधी पैसे को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं) में ट्रांसफर किया गया था. हैरानी की बात यह है कि इस खाते में पिछले 14 महीनों में कुल ₹513 करोड़ का लेनदेन हुआ है — जिसमें भारी नकद जमा और क्रिप्टोकरंसी ट्रांजेक्शन भी शामिल हैं. इस केस में पुलिस ने शुक्रवार को 6 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब तक इस मामले में कुल 13 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है.
मुंबई : महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने शहर के कारोबारी दंपती से 58 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में बड़ा खुलासा किया है. जांच में पता चला है कि इस ठगी के पैसे को एक विदेशी बैंक के म्यूल अकाउंट (यानी ऐसा खाता जिसके जरिए अपराधी पैसे को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं) में ट्रांसफर किया गया था. हैरानी की बात यह है कि इस खाते में पिछले 14 महीनों में कुल ₹513 करोड़ का लेनदेन हुआ है — जिसमें भारी नकद जमा और क्रिप्टोकरंसी ट्रांजेक्शन भी शामिल हैं. इस केस में पुलिस ने शुक्रवार को 6 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब तक इस मामले में कुल 13 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. गिरफ्तार किए गए लोगों में मुंबई के प्रभादेवी के रहने वाले 66 वर्षीय व्यापारी मुकेश भाटिया, राजस्थान के तीन युवक और मैसूर का एक व्यक्ति शामिल हैं.
फर्जी एजेंसियों का डर दिखाकर फंसाया
पुलिस की जांच में सामने आया कि ठगों ने दंपती को “डिजिटल गिरफ्तारी” में रखा था — यानी उन्हें झूठे मामलों और फर्जी एजेंसी के नाम पर डराकर लगातार 40 दिनों तक मानसिक रूप से कैद कर लिया गया था. ठगों ने उन्हें सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों की जांच के नाम पर डराया, नकली समन और वीडियो भेजे जिनमें फर्जी पुलिस स्टेशन, कोर्टरूम और अधिकारी दिखाए गए थे. यहां तक कि कुछ लोग जज और पुलिस अफसर बनकर वीडियो कॉल पर आए ताकि पीड़ितों को यकीन हो जाए कि वे सच में जांच के दायरे में हैं. डर और भ्रम के माहौल में दंपती ने अपनी पूरी जमा पूंजी — करीब ₹58.1 करोड़ — “जांच पूरी होने के बाद वापस मिलने” की बात पर ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए.
विदेशी बैंक में करोड़ों का लेनदेन
पूछताछ में आरोपी मुकेश भाटिया ने बताया कि उन्होंने टेक्नोमिस्ट सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से इंडोनेशिया में एक बैंक खाता खुलवाया था. इसी खाते में पिछले 14 महीनों में ₹513 करोड़ से ज़्यादा की रकम जमा और ट्रांसफर हुई. पुलिस के मुताबिक, इन ट्रांजेक्शन्स को सनी लोधा (32) नाम के आरोपी और उसके सहयोगियों के निर्देश पर अंजाम दिया गया. एक और आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने कई एजेंटों और बैंक खातों के जरिए ठगी की रकम को विदेशों में भेजा, जिसमें क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल भी किया गया. साइबर पुलिस अब इस पूरे रैकेट के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को खंगाल रही है.

