मुंबई : मनपा ने मीठी नदी की सफाई के लिए निकाला 1800 करोड़ का टेंडर... खर्च में की गई 600 करोड़ की कटौती
Mumbai: Municipal Corporation issued a tender of Rs. 1800 crores for cleaning Mithi river... Rs. 600 crores were cut in the expenditure
मनपा ने इसके पहले मार्च 2025 में टेंडर निकाला था। जिसमे नदी किनारे प्रोमेनेड बनाने का प्रस्ताव था। उस हिस्से की लागत करीब 400 करोड़ रुपए थी जिसे इस बार हटा दिया गया है। अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर ने कहा कि पूरी 18 किमी नदी किनारे प्रोमेनेड बनाने की योजना थी, लेकिन इस खंड (8.2 किमी) से इसे हटाने का फैसला लिया गया है। मनपा सूत्रों के अनुसार इस योजना पर अंतिम निर्णय अब निर्वाचित प्रतिनिधि मंडल ही लेगा।
मुंबई : मनपा प्रशासन ने मीठी नदी के बकाया काम को पूरा करने के लिए 1800 करोड़ का टेंडर निकाला है। मीठी नदी के पिछले कामों को लेकर चल रही कार्रवाई के बीच मनपा द्वारा ब्रिमस्टोवैड़ परियोजना के तीसरे चरण कार्य करने के लिए निकाले गए टेंडर में कितने ठेकेदार सहभागी होंगे देखने जैसा होगा। मार्च में निकाली गई निविदा में इस बार 600 करोड़ की कटौती की गई है। मार्च में 2400 करोड़ की निकाली गई थी निविदा। बता दें की मनपा ने मीठी नदी पुनर्जीवन परियोजना के तीसरे चरण के लिए निविदा जारी की है, जिसमें कुर्ला सीएसटी पुल से माहिम क्रीक तक बाढ़ नियंत्रण का काम शामिल हैं।
मनपा ने इसके पहले मार्च 2025 में टेंडर निकाला था। जिसमे नदी किनारे प्रोमेनेड बनाने का प्रस्ताव था। उस हिस्से की लागत करीब 400 करोड़ रुपए थी जिसे इस बार हटा दिया गया है। अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर ने कहा कि पूरी 18 किमी नदी किनारे प्रोमेनेड बनाने की योजना थी, लेकिन इस खंड (8.2 किमी) से इसे हटाने का फैसला लिया गया है। मनपा सूत्रों के अनुसार इस योजना पर अंतिम निर्णय अब निर्वाचित प्रतिनिधि मंडल ही लेगा।
इस बीच अधिकारियों का कहना है कि मीठी नदी पर बनने वाले फ्लड गेट्स से कुर्ला, सायन और चूनाभट्टी क्षेत्र में जलभराव की समस्या काफी हद तक कम होगी, जहां 18 अगस्त को पानी भरने से सेंट्रल रेलवे की सेवाएं ठप हो गई थीं। मीठी नदी पर प्रस्तावित प्रोमेनेड गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर तैयार होना था। इसमें 9 से 12 मीटर चौड़ा वॉकवे, साइकिल ट्रैक और जॉगिंग ट्रैक बनाने की योजना थी।
पिछली निविदा में इस प्रकल्प की लागत 2400 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन प्रोमेनेड और सौंदर्याकरण का काम हटाए जाने के बाद लागत घटाकर 1800 करोड़ रुपये रह गई है। फ्लड गेट और मिनी पंपिंग स्टेशनों की संख्या भी 25 से घटाकर 18 कर दी गई है। बांगर ने बताया कि फ्लड गेट्स के लगने से ज्वार के समय नदी का पानी नालों में नहीं जाएगा और बारिश के दौरान नालों से पानी आसानी से नदी में छोड़ा जा सकेगा।

