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मुंबई : सायन (पूर्व) में भूखंड से मलबा और कचरा हटाने और नियमित सफाई व्यवस्था स्थापित करने का निर्देश 

मुंबई : सायन (पूर्व) में भूखंड से मलबा और कचरा हटाने और नियमित सफाई व्यवस्था स्थापित करने का निर्देश  बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को सायन (पूर्व) में फ्लैंक रोड पर एक भूखंड से मलबा और कचरा हटाने और नियमित सफाई व्यवस्था स्थापित करने का निर्देश दिया है। यह भूखंड एक बंद पड़े साइकिल ट्रैक से भरा पड़ा है। साथ ही, उसने यह भी सवाल उठाया कि क्या इस मामले में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) वास्तविक है।
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मुंबई : मनपा ने मीठी नदी की सफाई के लिए निकाला 1800 करोड़ का टेंडर... खर्च में की गई 600 करोड़ की कटौती

मुंबई : मनपा ने मीठी नदी की सफाई के लिए निकाला 1800 करोड़ का टेंडर...  खर्च में की गई 600 करोड़ की कटौती मनपा ने इसके पहले मार्च 2025 में टेंडर निकाला था। जिसमे नदी किनारे प्रोमेनेड बनाने का प्रस्ताव था। उस हिस्से की लागत करीब 400 करोड़ रुपए थी जिसे इस बार हटा दिया गया है। अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर ने कहा कि पूरी 18 किमी नदी किनारे प्रोमेनेड बनाने की योजना थी, लेकिन इस खंड (8.2 किमी) से इसे हटाने का फैसला लिया गया है। मनपा सूत्रों के अनुसार इस योजना पर अंतिम निर्णय अब निर्वाचित प्रतिनिधि मंडल ही लेगा।
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मुंबई : सफाई का काम एक प्राइवेट ठेकेदार को दिए जाने का निर्णय

मुंबई : सफाई का काम एक प्राइवेट ठेकेदार को दिए जाने का निर्णय मनपा प्रशासन द्वारा सफाई का काम एक प्राइवेट ठेकेदार को दिए जाने का निर्णय लिया है। मनपा प्रशासन के इस निर्णय के खिलाफ सफाई कर्मियों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। सफाई कर्मचारियों के मोर्च में गिरीश महाजन खुद आकर सफाई कर्मियों से मुलाकात की और उनके एक शिष्ट मंडल को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक कराई। बैठक में मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मचारियों की मांग का मनपा आयुक्त के साथ बैठक कर उनके मांग का अनुबंध किया जाएगा कर्मचारियों के किसी भी कर्मचारी पद की कटौती नहीं करने का आश्वासन दिया।
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मुंबई : ईओडब्ल्यू ने की 65 करोड़ रुपये के मीठी नदी सफाई घोटाले की जांच तेज 

मुंबई : ईओडब्ल्यू ने की 65 करोड़ रुपये के मीठी नदी सफाई घोटाले की जांच तेज  पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 65 करोड़ रुपये के मीठी नदी सफाई घोटाले की जांच तेज कर दी है। ईओडब्ल्यू सूत्रों के अनुसार, अधिकारी जल्द ही उन कंपनियों के प्रतिनिधियों के बयान दर्ज करना शुरू करेंगे, जिन्होंने 2020 से 2025 के बीच बीएमसी की निविदा प्रक्रिया में भाग लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी भूपेंद्र पुरोहित द्वारा नियंत्रित कंपनियों को दिए जा रहे ठेकों के पक्ष में जानबूझकर उन्हें बाहर रखा गया था।
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