मुंबई : मानहानि मामले में नवाब मलिक के खिलाफ नहीं मिले सबूत, पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट

Mumbai: No evidence found against Nawab Malik in defamation case, police filed report in court

मुंबई : मानहानि मामले में नवाब मलिक के खिलाफ नहीं मिले सबूत, पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट

पूर्व एनसीबी अफसर समीर वानखेड़े की बहन की ओर से नवाब मलिक के खिलाफ की गई मानहानि की शिकायत की जांच में पुलिस को सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस ने शिकायत को लेकर जांच रिपोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल कर दी है। पुलिस ने कहा कि एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की बहन के वरिष्ठ राकांपा नेता नवाब मलिक के खिलाफ दायर मानहानि और पीछा करने की शिकायत में प्रथम दृष्टया संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध का कोई सबूत नहीं मिला है।

मुंबई : पूर्व एनसीबी अफसर समीर वानखेड़े की बहन की ओर से नवाब मलिक के खिलाफ की गई मानहानि की शिकायत की जांच में पुलिस को सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस ने शिकायत को लेकर जांच रिपोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल कर दी है। पुलिस ने कहा कि एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की बहन के वरिष्ठ राकांपा नेता नवाब मलिक के खिलाफ दायर मानहानि और पीछा करने की शिकायत में प्रथम दृष्टया संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध का कोई सबूत नहीं मिला है। 2021 में आईआरएस अधिकारी की बहन ने पूर्व राज्य मंत्री पर विभिन्न ट्वीट्स और टेलीविजन साक्षात्कारों में उनके खिलाफ झूठे, मानहानिकारक और निंदनीय आरोप लगाने का आरोप लगाया था। मामले में बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत यास्मीन वानखेड़े की शिकायत की जांच का आदेश दिया था और पुलिस को अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

 

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हाल ही में अदालत में दाखिल जांच रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि मलिक ने बताया कि उस समय उनके द्वारा की गई पोस्ट और प्रेस कॉन्फ्रेंस एक राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता के रूप में उनके कर्तव्य का हिस्सा थे। यास्मीन वानखेड़े से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। रिपोर्ट में एनसीपी नेता के बयान का भी हवाला दिया गया है कि उनके मन में महिलाओं के प्रति बहुत सम्मान है और उन्होंने कभी भी ऐसा काम नहीं किया। जिससे उनका अपमान या अनादर हो। रिपोर्ट में कहा गया कि यास्मीन वानखेड़े का इंस्टाग्राम अकाउंट सार्वजनिक है और मलिक ने अपने एक्स हैंडल पर उनके सार्वजनिक अकाउंट से तस्वीरें दोबारा पोस्ट कीं। जांच में प्रथम दृष्टया संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध का कोई साक्ष्य नहीं मिला।

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यास्मीन वानखेड़े के वकील अली काशिफ खान देशमुख ने कहा कि पुलिस यह नहीं समझ सकी कि किसी महिला की सोशल मीडिया अकाउंट से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध निजी तस्वीर का इस्तेमाल मानहानिकारक संदर्भ में नहीं किया जा सकता। वे अगली सुनवाई में रिपोर्ट के खिलाफ विरोध याचिका दायर करेंगे।

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शिकायतकर्ता ने कहा कि समीर वानखेड़े नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ करने में सक्रिय रूप से शामिल थे। वे विभिन्न हाई-प्रोफाइल ड्रग-संबंधी (एनडीपीएस) मामलों को संभालते थे। उनके भाई द्वारा देखे जा रहे मामलों में से एक मलिक के दामाद दिवंगत एम समीर खान के खिलाफ था। शिकायत में कहा गया है कि अपने दामाद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और प्रतिशोध के कारण आरोपी मलिक ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ झूठे, अपमानजनक और निराधार आरोप लगाने शुरू कर दिए। इसमें कहा गया है कि यह प्रयास परिवार पर दबाव डालने के लिए किया गया था।

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