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Read More... मुंबई : अदालती कार्यवाही की ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग को साक्ष्य नहीं माना जा सकता
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By Online Desk
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालती कार्यवाही की ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग को साक्ष्य नहीं माना जा सकता। न्यायालय ने महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) के समक्ष कार्यवाही की अनिवार्य रिकॉर्डिंग की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और सुनवाई में विसंगतियों से बचा जा सके।बॉम्बे उच्च न्यायालयसामाजिक कार्यकर्ता कमलाकर शेनॉय द्वारा दायर यह याचिका सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत 2018 में दायर एक आवेदन से उपजी है, जिसमें उन्होंने जुलाई 2018 और उनके आवेदन की तिथि के बीच हुई एमईआरसी की जनसुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग मांगी थी। मुंबई : मानहानि मामले में नवाब मलिक के खिलाफ नहीं मिले सबूत, पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट
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पूर्व एनसीबी अफसर समीर वानखेड़े की बहन की ओर से नवाब मलिक के खिलाफ की गई मानहानि की शिकायत की जांच में पुलिस को सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस ने शिकायत को लेकर जांच रिपोर्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल कर दी है। पुलिस ने कहा कि एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की बहन के वरिष्ठ राकांपा नेता नवाब मलिक के खिलाफ दायर मानहानि और पीछा करने की शिकायत में प्रथम दृष्टया संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध का कोई सबूत नहीं मिला है। मुंबई: छांगुर और उसके करीबी सहयोगियों के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 ठिकानों पर छापेमारी; 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता प्रमाण मिले
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अवैध धर्मांतरण के गंभीर आरोपों से घिरे जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके करीबी सहयोगियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसी को छांगुर और उसके नेटवर्क के खातों से जुड़ी गतिविधियों की पड़ताल में लगभग 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। ये फंड कथित तौर पर विदेशी संस्थाओं से आए हैं और इनका इस्तेमाल संपत्तियों की खरीद और अवैध गतिविधियों में किया गया। मुंबई: ईडी की मुंबई और सूरत में चार स्थानों पर तलाशी; 6.30 करोड़ रुपये नकद और डिजिटल साक्ष्य जब्त
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प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) ने धन शोधन निवारण अधिनियम ( पीएमएलए ), 2002 के तहत मेसर्स प्लैटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड ( टॉरेस ज्वेलरी ) की जांच के तहत मुंबई और सूरत में चार स्थानों पर तलाशी ली। जांच में बड़े पैमाने पर हवाला लेनदेन का पता चला, जिसके परिणामस्वरूप 6.30 करोड़ रुपये नकद और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए। 