मुंबई: छांगुर और उसके करीबी सहयोगियों के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 ठिकानों पर छापेमारी; 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता प्रमाण मिले
Mumbai: ED raids 15 locations in a big action against Changur and his close associates; solid evidence of money laundering of Rs 60 crore found

अवैध धर्मांतरण के गंभीर आरोपों से घिरे जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके करीबी सहयोगियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसी को छांगुर और उसके नेटवर्क के खातों से जुड़ी गतिविधियों की पड़ताल में लगभग 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। ये फंड कथित तौर पर विदेशी संस्थाओं से आए हैं और इनका इस्तेमाल संपत्तियों की खरीद और अवैध गतिविधियों में किया गया।
मुंबई: अवैध धर्मांतरण के गंभीर आरोपों से घिरे जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके करीबी सहयोगियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसी को छांगुर और उसके नेटवर्क के खातों से जुड़ी गतिविधियों की पड़ताल में लगभग 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। ये फंड कथित तौर पर विदेशी संस्थाओं से आए हैं और इनका इस्तेमाल संपत्तियों की खरीद और अवैध गतिविधियों में किया गया।
ईडी ने बताया कि इस अवैध फंडिंग के तार छांगुर, नवीन रोहरा और नीतू रोहरा से जुड़ते हैं। जांच में सामने आया है कि यूपी और महाराष्ट्र में खरीदी गई अधिकांश संपत्तियां नवीन और नीतू के नाम पर हैं, जो छांगुर के बेहद करीबी माने जाते हैं। छांगुर के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने के लिए ईडी ने लखनऊ के सुभाषनगर स्थित ‘आसवी बुटीक कॉम्पलेक्स’ को सील कर दिया है। इस बुटीक को छांगुर अपने दस्तावेजों और लेनदेन की गतिविधियों के अड्डे के रूप में इस्तेमाल करता था। बुटीक से ईडी को कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनमें संपत्ति सौदों और विदेशी लेनदेन से जुड़े अभिलेख शामिल हैं।
ईडी ने बृहस्पतिवार को छांगुर, नवीन रोहरा और नीतू रोहरा से जुड़े मुंबई, लखनऊ और बलरामपुर के 15 ठिकानों पर छापा मारा। जांच शुक्रवार दोपहर तक चली। इस दौरान ईडी ने 22 बैंक खातों की पड़ताल की, जिनमें करोड़ों के लेनदेन के सबूत मिले। अधिकारियों का कहना है कि छांगुर को मिले फंड का प्रयोग मुंबई और यूपी में कई अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया।
सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि ईडी को छांगुर के सहयोगी नवीन रोहरा के पास पनामा की लोगोस मरीन कंपनी से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। यह मध्य अमेरिकी देश पनामा, मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों के लिए पहले से बदनाम रहा है। साथ ही मुंबई में नवीन के एक और करीबी शहजाद शेख के मोबाइल में क्रोएशियाई मुद्रा ‘कुना’ की तस्वीर मिली है। ईडी अब शेख के मोबाइल डेटा का डिजिटल फॉरेंसिक विश्लेषण कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि धर्मांतरण के नेटवर्क में विदेशी मुद्रा की क्या भूमिका रही।