जम्मू : ई-नाम के जरिये पहली बार सीधा व्यापार; कश्मीर घाटी से सेब और नाशपाती से भरा ट्रक महाराष्ट्र पहुंचा
Jammu: Direct trade for the first time through e-NAM; Truck loaded with apples and pears from Kashmir valley reached Maharashtra
जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र के बीच ई-नाम के जरिये पहली बार सीधा व्यापार हुआ है। कश्मीर घाटी से सेब और नाशपाती से भरा एक ट्रक महाराष्ट्र के पूना स्थित गुलटेकडी कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) में पहुंचा है। इस ट्रक में 11 मीट्रिक टन फल थे। यह सौदा राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-नाम पोर्टल के जरिये किया गया। ई-नाम योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका मकसद देश भर की कृषि उपज मंडियों को एक साझा डिजिटल मंच पर लाना है ताकि किसानों और व्यापारियों के बीच सीधा और पारदर्शी व्यापार हो सके।
जम्मू : जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र के बीच ई-नाम के जरिये पहली बार सीधा व्यापार हुआ है। कश्मीर घाटी से सेब और नाशपाती से भरा एक ट्रक महाराष्ट्र के पूना स्थित गुलटेकडी कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) में पहुंचा है। इस ट्रक में 11 मीट्रिक टन फल थे। यह सौदा राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-नाम पोर्टल के जरिये किया गया। ई-नाम योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका मकसद देश भर की कृषि उपज मंडियों को एक साझा डिजिटल मंच पर लाना है ताकि किसानों और व्यापारियों के बीच सीधा और पारदर्शी व्यापार हो सके।
महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड के सयुक्त निदेशक विनायक कोकरे ने बताया कि राज्य की 133 कृषि मंडियां ई-नाम से जुड़ चुकी हैं। कोकरे ने व्यापारियों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा सौदे इसी मंच पर करें ताकि मूल्य निर्धारण और गुणवत्ता में पारदर्शिता बनी रहे। पूना के फल व्यापारी सुयोग जेंडे, जो इस व्यापार से जुड़े रहे, ने कहा कि यह किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि इससे किसानों को देशभर के पंजीकृत व्यापारी मिलते हैं और व्यापारियों का यात्रा खर्च और समय भी बचता है।
ई-नाम से मंडियों को जोड़ने की यह पहल कृषि व्यापार के तरीके में बड़ा बदलाव ला रही है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर की भी 17 मंडियां ई-नाम से जुड़ चुकी हैं।

