महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे सरकार के इस फैसले को बदला... शिवसेना-बीजेपी में बढ़ेगी तकरार?
In Maharashtra, CM Devendra Fadnavis changed this decision of the Shinde government... Will the conflict between Shiv Sena and BJP increase?
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सीएम फडणवीस ने मंत्रियों के ओएसडी और निजी सचिव के मामले में भी सख्त रुख अपनाया है. मंत्रियों के ओएसडी और सचिव की नियुक्त के लिए 125 नाम भेजे गए थे, जिसमें सीएम ने 109 नामों को मंजूरी दी है जबकि 16 नामों को रोक दिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वह किसी दलाल को यह जिम्मेदारी नहीं देंगे. इन नामों में कुछ ऐसे नाम है जिनके सुझाव को एकनाथ शिंदे की शिवसेना की ओऱ से भी गए थे. इस फैसले की उद्धव ठाकरे गुट ने भी तारीफ की थी. शिवसेना यूबीटी ने कहा था कि फडणवीस राज्य के शासन में अनुशासन लाने के लिए मजबूत कदम उठा रहे हैं. सीएम फडणवीस ने भ्रष्टाचार के नाले की सफाई शुरू कर दी है.
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच सियासी तकरार बढ़ने के आसार दिख रहे हैं. शिंदे सरकार के दौरान स्वास्थ्य विभाग के 3,200 करोड़ रुपये के काम को देवेंद्र फडणवीस ने स्थगित कर दिया है. तानाजी सावंत पर बिना किसी कार्य अनुभव के कंपनी को मैकेनिकल सफाई का ठेका देने का आरोप लगा है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे सरकार के दौरान की कथित अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. शिंदे सरकार के कई फैसले स्थगित कर दिए गए, वहीं कुछ को रद्द भी कर दिया गया. तानाजी सावंत शिंदे सरकार के दौरान स्वास्थ्य मंत्री थे. उनके कार्यकाल के दौरान अधिकारियों के तबादलों और एम्बुलेंस खरीद सहित हजारों करोड़ रुपये के घोटाले होने की बात सामने आ रही है.
स्वास्थ्य विभाग के अधीन सभी सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों की सफाई का कार्य आउटसोर्सिंग से कराने पर सहमति बनी. इसके लिए 30 अगस्त 2024 को पुणे की एक निजी कंपनी को सालाना 638 करोड़ रुपये और 3 साल के लिए कुल 3,190 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया.
सीएम फडणवीस ने मंत्रियों के ओएसडी और निजी सचिव के मामले में भी सख्त रुख अपनाया है. मंत्रियों के ओएसडी और सचिव की नियुक्त के लिए 125 नाम भेजे गए थे, जिसमें सीएम ने 109 नामों को मंजूरी दी है जबकि 16 नामों को रोक दिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वह किसी दलाल को यह जिम्मेदारी नहीं देंगे. इन नामों में कुछ ऐसे नाम है जिनके सुझाव को एकनाथ शिंदे की शिवसेना की ओऱ से भी गए थे. इस फैसले की उद्धव ठाकरे गुट ने भी तारीफ की थी. शिवसेना यूबीटी ने कहा था कि फडणवीस राज्य के शासन में अनुशासन लाने के लिए मजबूत कदम उठा रहे हैं. सीएम फडणवीस ने भ्रष्टाचार के नाले की सफाई शुरू कर दी है.