महाराष्ट्र : धड़ल्ले से हो रहा पॉलिथीन बैग का उपयोग... बंदी के बावजूद नियमों की अनदेखी
Maharashtra: Polythene bags are being used indiscriminately... despite the ban, rules are being ignored
महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होने के बावजूद, नागपुर के बेसा-मानेवाड़ा रोड और उसके आरसपास के इलाके में पॉलिथीन बैग का बिना कोई रोकटोक इस्तेमाल पर्यावरण प्रेमियों और जागरूक नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। छोटी किराना दुकानों से लेकर बड़े सुपरमार्केट तक, दुकानदार खुलेआम ग्राहकों को पॉलिथीन में सामान दे रहे हैं, जिससे न केवल नियमों की अवहेलना हो रही है, बल्कि पर्यावरण पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।
महाराष्ट्र : बेसा-मानेवाड़ा रोड से लगी दुकानों में प्लास्टिक बंदी के बावजूद दुकानदारों द्वारा धड़ल्ले से पॉलिथीन बैग का उपयोग कर नियमों का सीधा उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। प्रशासन की सख्ती के बावजूद, यह स्थिति चिंताजनक है। बेसा-मानेवाड़ा रोड से दोनों ओर लगी दुकानों में प्लास्टिक बंदी की धज्जियां खुलेआम उड़ायी जा रही हैं।
महाराष्ट्र में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होने के बावजूद, नागपुर के बेसा-मानेवाड़ा रोड और उसके आरसपास के इलाके में पॉलिथीन बैग का बिना कोई रोकटोक इस्तेमाल पर्यावरण प्रेमियों और जागरूक नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। छोटी किराना दुकानों से लेकर बड़े सुपरमार्केट तक, दुकानदार खुलेआम ग्राहकों को पॉलिथीन में सामान दे रहे हैं, जिससे न केवल नियमों की अवहेलना हो रही है, बल्कि पर्यावरण पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।
सरकार ने सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध इसलिए लगाया था ताकि प्लास्टिक कचरे के बढ़ते ढेर और उसके पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभावों को रोका जा सके। पॉलिथीन बैग नालियों को जाम करते हैं, जिससे जलभराव की समस्या पैदा होती है। ये मिट्टी की उर्वरता को कम करते हैं और जानवरों के लिए भी जानलेवा साबित होते हैं, जो इन्हें खाकर बीमार पड़ जाते हैं।
इसके बावजूद, मानेवाड़ा क्षेत्र में दुकानदार और कुछ हद तक ग्राहक भी, इसकी गंभीरता को समझने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन की ओर से नियमित जांच और कार्रवाई की कमी के कारण दुकानदार बेखौफ होकर पॉलिथीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई दुकानदारों का तर्क है कि उनके पास पॉलिथीन के सस्ते और व्यवहार्य विकल्प उपलब्ध नहीं हैं, और ग्राहक भी कपड़े या जूट के थैले लाने की बजाय पॉलिथीन की मांग करते हैं। हालांकि, यह तर्क नियमों के उल्लंघन को सही नहीं ठहरा सकता।
महाराष्ट्र सरकार ने 23 जून 2018 से प्लास्टिक की थैलियों, सिंगल-यूज डिस्पोजेबल वस्तुओं और थर्मोकोल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। नियम तोड़ने वालों पर 5,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक का जुर्माना और बार-बार उल्लंघन करने पर तीन महीने की जेल तक का प्रावधान है।

