मराठा आरक्षण के मुद्दे पर अजित गुट के नेता ने उठाए सवाल, CM शिंदे के फैसले से संतुष्ट नहीं...
Leader of Ajit group raised questions on the issue of Maratha reservation, not satisfied with CM Shinde's decision...
भुजबल ने दावा किया है कि मराठाओं के कुनबी रिकॉर्ड खोजने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे को भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा लिए जाने वाले वेतन से लगभग दोगुना वेतन मिल रहा है। उन्होंने इसे अनावश्यक खर्च बताया है।
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सीएम शिंदे के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वह मराठा आरक्षण मुद्दे पर राज्य सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।
भुजबल ने दावा किया है कि मराठाओं के कुनबी रिकॉर्ड खोजने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे को भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा लिए जाने वाले वेतन से लगभग दोगुना वेतन मिल रहा है। उन्होंने इसे अनावश्यक खर्च बताया है।
उन्होंने दावा किया कि एक बार जब वे ओबीसी के लिए मौजूदा आरक्षण का हिस्सा बन जाएंगे तो केवल उन्हें ही लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जो कुछ भी कह रहे हैं, उससे हमारा मन संतुष्ट नहीं है।
उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश को 2.80 लाख रुपये वेतन मिलता है, जबकि समिति का नेतृत्व कर रहे अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे को 4.50 लाख रुपये मिलते हैं। इतना खर्च क्यों हो रहा है।

