मुंबई मेट्रो के इस रूट पर काम अटका, डबल-डेकर पुल की वजह से तय समय में होगी देरी

Work on this Mumbai Metro route has stalled, with the double-decker bridge delaying the scheduled time.

मुंबई मेट्रो के इस रूट पर काम अटका, डबल-डेकर पुल की वजह से तय समय में होगी देरी

मेट्रो परियोजनाओं में तेजी से काम चल रहा है और सभी रूट पर तय समय में काम पूरा करने पर फडणवीस सरकार जोर दे रही है। मीरा-भायंदर से नायगांव तक की मेट्रो लाइन में फिलहाल देरी हो सकती है। इस रूट के पूरा हो जाने से शहर के बाहरी हिस्से में रहने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट को लेकर अब एक नई योजना पेश की है। इसके तहत वसई खाड़ी पर एक डबल-डेकर पुल बनाने का फैसला किया गया है।

मुंबई : मेट्रो परियोजनाओं में तेजी से काम चल रहा है और सभी रूट पर तय समय में काम पूरा करने पर फडणवीस सरकार जोर दे रही है। मीरा-भायंदर से नायगांव तक की मेट्रो लाइन में फिलहाल देरी हो सकती है। इस रूट के पूरा हो जाने से शहर के बाहरी हिस्से में रहने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट को लेकर अब एक नई योजना पेश की है। इसके तहत वसई खाड़ी पर एक डबल-डेकर पुल बनाने का फैसला किया गया है।

 

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यह पुल सड़क और मेट्रो दोनों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। मुंबई मेट्रो प्रशासन ने बताया कि डबल डेकर पुल के निर्माण में कुछ तकनीकी बाधाएं आ रही हैं। इसलिए इसमें थोड़ी देरी हो रही है। मेट्रो प्रशासन का मानना है कि यह पुल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगी।

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एमएमआरडीए के अधिकारियों ने बताया कि भौगोलिक चुनौतियों और भूमि अधिग्रहण की कानूनी बाध्यताओं की वजह से इसमें देर हो रही है। वसई खाड़ी क्षेत्र में पुल निर्माण के लिए तकनीकी सर्वे और पर्यावरणीय मंजूरी में कानूनी अड़चनें आ रही हैं। इसके अलावा, डबल-डेकर पुल की डिजाइन तैयार करने और उसके लिए जरूरी तकनीकी सहयोग पाने के लिए औपचारिक प्रक्रिया चल रही है। मेट्रो प्रशासन ने कहा कि ये सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद निर्माण काम तेजी से शुरू होगा।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर मीरा-भायंदर, वसई, विरार और नायगांव जैसे उपनगरीय इलाकों के बीच यात्रा समय में भारी कमी आएगी। 

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⦁ डबल-डेकर पुल से ऊपर का हिस्सा सड़क यातायात के लिए होगा, जबकि निचला हिस्सा मेट्रो ट्रैक के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। 

⦁ यह मॉडल मुंबई में पहली बार अपनाया जा रहा है और इसे स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। मेट्रो प्रशासन ने तय की नई समयसीमा मुंबई मेट्रो

प्रशासन ने संकेत दिया है कि तकनीकी मंजूरी मिलने के बाद प्रोजेक्ट को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पश्चिमी उपनगरों में मेट्रो नेटवर्क और सड़क परिवहन दोनों को बड़ी राहत मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पुल मुंबई मेट्रो नेटवर्क में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल समय बचाएगा बल्कि क्षेत्र में आर्थिक और रियल एस्टेट विकास को भी बढ़ावा देगा। मीरा-भायंदर इलाके में रहने वाले लोगों के लिए कनेक्टिविटी का यह एक सुविधाजनक विकल्प बन सकेगा।