मुंबई : अमेरिका से नशीले पदार्थ मंगाकर भारत में करता था सप्लाई; 200 करोड़ के ड्रग कार्टेल मामले में बड़ी कार्रवाई
Mumbai: Drugs imported from the US and supplied to India; major action taken in 200 crore drug cartel case
200 करोड़ के ड्रग कार्टेल मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी नविन गुरुनाथ चिचकार के खिलाफ प्रवर्तन सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली है. चिचकार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले ड्रग नेटवर्क का मास्टरमाइंड होने का आरोप है. 30 वर्षीय फिल्म ग्रेजुएट और लंदन से क्रिमिनल साइकोलॉजी में पढ़ाई कर चुके चिचकार पर आरोप है कि उसने बीते दो सालों में करीब 1,128 करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ भारत में तस्करी कराए. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पहले से ही इस मामले की जांच कर रहा था और उसने चिचकार से जुड़े 10.07 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं, जिसमें 15 बैंक अकाउंट और महाराष्ट्र स्थित पांच प्रॉपर्टीज शामिल हैं.
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में क्या-क्या खुलासे हुए
मुंबई : 200 करोड़ के ड्रग कार्टेल मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी नविन गुरुनाथ चिचकार के खिलाफ प्रवर्तन सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली है. चिचकार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले ड्रग नेटवर्क का मास्टरमाइंड होने का आरोप है. 30 वर्षीय फिल्म ग्रेजुएट और लंदन से क्रिमिनल साइकोलॉजी में पढ़ाई कर चुके चिचकार पर आरोप है कि उसने बीते दो सालों में करीब 1,128 करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ भारत में तस्करी कराए. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पहले से ही इस मामले की जांच कर रहा था और उसने चिचकार से जुड़े 10.07 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं, जिसमें 15 बैंक अकाउंट और महाराष्ट्र स्थित पांच प्रॉपर्टीज शामिल हैं.
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में क्या-क्या खुलासे हुए
प्रवर्तन निदेशालयइस सिंडिकेट की बेहिसाब और बेनामी संपत्तियों की तलाश और अटैचमेंट पर फोकस कर रही है. एजेंसी का मानना है कि यह नेटवर्क भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सक्रिय था, जिसमें कोकीन और हाइड्रोपोनिक गांजा तस्करी शामिल थी. नविन चिचकार को मई 2025 में मलेशिया से भारत लाया गया था, जबकि उसके छोटे भाई धीरज चिचकार को 15 अगस्त को निर्वासित कर भारत लाया गया. दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं.
रकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की जांच में सामने आया है कि इस कार्टेल के तार पाकिस्तानी मूल के अमेरिका-स्थित ड्रग ऑपरेटर मोहम्मद अली कुतुबुद्दीन अली से जुड़े हुए हैं. तंजानिया के कसिम नज़ीर हुसैन के जरिए चिचकार की मुलाकात अली से हुई थी. आरोप है कि कोकीन की खेप भारत में पहुंचाई गई और इसकी कमाई थाईलैंड में स्थित क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क के जरिए घुमाई गई.
नेपाल बॉर्डर के रास्ते फरार होकर की संयुक्त अरब अमीरात, यूके और थाईलैंड की यात्रा
जांच एजेंसियों का कहना है कि चिचकार ने भारत से 2021 में नेपाल बॉर्डर के रास्ते फरार होकर संयुक्त अरब अमीरात, यूके और थाईलैंड की यात्रा की थी. मलेशिया में गिरफ्तारी से पहले उसने वेनुआटू का पासपोर्ट भी हासिल कर लिया था. थाईलैंड के फुकेत में 2 करोड़ रुपये के लीज पर एक लग्जरी प्रॉपर्टी समेत अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और कैरिबियन देशों में भी निवेश किया था.
वह “काला कौआ” नाम के नकली पहचान के साथ ड्रग्स सप्लाई करता था. अमेरिका स्थित सप्लायर्स "व्याट" और "टाफ़ी" से कोकीन और हाइड्रोपोनिक गांजा मंगाता था. इसके भुगतान क्रिप्टोकरेंसी यूएसडीटी और ट्रॉनलिंक वॉलेट के जरिए किए जाते थे. जांच में यह भी सामने आया है कि धीरज चिचकार भारत में कार्टेल की पूरी फाइनेंशियल चेन संभालता था. वह नशे की खेप की डिलीवरी, बिक्री से होने वाली कमाई और हवाला के जरिए फंड्स ट्रांसफर का काम देखता था.
इस साल 21 जनवरी को मुंबई से ऑस्ट्रेलिया भेजे जा रहे एक डीएचएल पार्सल में प्रोजेक्टर के अंदर 200 ग्राम कोकीन मिलने से पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ. इसके बाद 31 जनवरी को नवी मुंबई में छापेमारी के दौरान 11.54 किलो कोकीन, 4.9 किलो हाइड्रोपोनिक वीड, 5.5 किलो गांजा गमीज़ और 1.60 लाख रुपये नकद बरामद किए गए. अधिकारियों के मुताबिक, चिचकार का यह ड्रग सिंडिकेट अत्याधुनिक सप्लाई चेन तैयार कर चुका था, जो अमेरिका से नशीले पदार्थ मंगाकर भारत समेत अन्य देशों में सप्लाई करता था.

