बीड : बाढ़ का कहर, सेना को बुलाया गया राहत बचाव के लिए, 5-6 गांव पूरी तरह से डूबे, सड़क संपर्क टूटा
Beed: Flood wreaks havoc, army called for rescue, 5-6 villages completely submerged, road connectivity disrupted
By: Online Desk
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साल 2025 का मानसून देश के लिए आफतों भरा रहा. बाढ़, बारिश और भूस्खलन ने देश के ज्यादातर हिस्सों में कहर बरपाया. सेना पहले दिन से ही राहत और बचाव के काम में जुटी हुई है. भारी बारिश के चलते अब महाराष्ट्र के बीड जिले के कुछ इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बीड के अष्टी तालुका में लगातार भारी बारिश के चलते कड़ा, घाटपिंपरी और आसपास के इलाकों सहित 5-6 गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए. पानी का स्तर बढ़ने के चलते कनेक्टिंग रोड पूरी तरह से कट गए हैं. सेना के मुताबिक बीड के डीएम ने सेना से आधिकारिक तौर पर राहत बचाव के लिए अनुरोध किया. सेना ने तुरंत राहत बचाव के अपने ऑपरेशन को शुरू कर दिया, जिसमें तत्काल एरियल इवैक्यूएशन भी शामिल है. बाढ़ प्रभावित गांवों में लगभग 25-30 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें तुरंत रेस्क्यू करना जरूरी है.
बीड : साल 2025 का मानसून देश के लिए आफतों भरा रहा. बाढ़, बारिश और भूस्खलन ने देश के ज्यादातर हिस्सों में कहर बरपाया. सेना पहले दिन से ही राहत और बचाव के काम में जुटी हुई है. भारी बारिश के चलते अब महाराष्ट्र के बीड जिले के कुछ इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बीड के अष्टी तालुका में लगातार भारी बारिश के चलते कड़ा, घाटपिंपरी और आसपास के इलाकों सहित 5-6 गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए. पानी का स्तर बढ़ने के चलते कनेक्टिंग रोड पूरी तरह से कट गए हैं. सेना के मुताबिक बीड के डीएम ने सेना से आधिकारिक तौर पर राहत बचाव के लिए अनुरोध किया. सेना ने तुरंत राहत बचाव के अपने ऑपरेशन को शुरू कर दिया, जिसमें तत्काल एरियल इवैक्यूएशन भी शामिल है. बाढ़ प्रभावित गांवों में लगभग 25-30 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें तुरंत रेस्क्यू करना जरूरी है.
आर्मी एविएशन के हेलिकॉप्टर तैनात
पानी के बीच फंसे लोगों को बचाने के लिए नासिक से एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) और दो चेतक हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है. मौसम की हालातों के तहत तैनाती की गई है. इसके अलावा, अहमदनगर से एक बाढ़ राहत कॉलम बीड के बाढ़ ग्रस्त इलाके की तरफ बढ़ रही है. देर शाम तक इसके पहुंचने की उम्मीद है. इसके अलावा बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप से इंजीनियर टास्क फोर्स भी स्पेशलाइज्ड सपोर्ट के लिए राहत बचाव के ऑपरेशन में शामिल होगी.
सेना ने अब तक 21,500 से ज्यादा लोगों को बचाया
अप्रैल 2025 में मानसून के मौसम की शुरुआत से ही, सेना के जवान 75 स्थानों पर मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) मिशनों में लगातार जुटे हुए हैं. सेना ने कुल 126 रेस्क्यू कॉलम दिन-रात लगातार राहत और बचाव के काम में सक्रिय रखे. अपने रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी ने 21,500 से ज्यादा लोगों को बचाया है. साथ ही लगभग 9,700 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की है. सेना ने आपदा पीड़ितों को 23,500 किलोग्राम से ज्यादा राहत सामग्री भी पहुंचाई.
सड़कों की मरम्मत से कनेक्टिविटी बनाई रखी
चाहे बाढ़ हो या फिर भूस्खलन, सड़कों को जबरदस्त नुकसान हुआ. कई इलाकों में तो सड़के पूरी तरह से टूट जाने के चलते राहत और बचाव के काम में भी दिक्कतें पेश आईं. लेकिन सेना ने कनेक्टिविटी बहाल करने और राहत कार्यों को जारी रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. आर्मी के इंजीनियरों ने कुल 29 पुलों का निर्माण किया है, जिसमें एक 110 फीट लंबा पुल भी शामिल है. इसके अलावा 12 जगहों पर बंधों को मजबूत किया है. आर्मी एविएशन के हेलीकॉप्टरों ने अब तक 500 से ज्यादा घंटों की उड़ान भरी और जोखिम भरे ऑपरेशन में लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया.

