मुंबई : सीरियल ट्रेन धमाकों के मामले में 9 साल जेल में रहने वाले डॉ. वाहिद दीन मोहम्मद शेख ने 9 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की

Mumbai: Dr. Wahid Din Mohammad Shaikh, who was in jail for 9 years in the serial train blasts case, demanded compensation of Rs 9 crore

मुंबई : सीरियल ट्रेन धमाकों के मामले में 9 साल जेल में रहने वाले डॉ. वाहिद दीन मोहम्मद शेख ने 9 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की

2006 में हुए सीरियल ट्रेन धमाकों के मामले में 9 साल जेल में रहने वाले डॉ. वाहिद दीन मोहम्मद शेख ने 9 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है. इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का दरवाजा खटखाया है. इंडिया टुडे से जुड़ीं विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक, वाहिद शेख ने बताया कि 2006 में हुए ट्रेन ब्लास्ट के मामले में उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया था

मुंबई : 2006 में हुए सीरियल ट्रेन धमाकों के मामले में 9 साल जेल में रहने वाले डॉ. वाहिद दीन मोहम्मद शेख ने 9 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है. इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का दरवाजा खटखाया है. इंडिया टुडे से जुड़ीं विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक, वाहिद शेख ने बताया कि 2006 में हुए ट्रेन ब्लास्ट के मामले में उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया था. उन्हें महाराष्ट्र पुलिस के एंटी टेररिज्म स्क्वाड ने गिरफ्तार किया था. इस घटना में 11 मिनट में सात अलग-अलग ट्रेनों में बम फटे थे. इस आतंकी हमले में 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 800 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. बाद में जांच के दौरान 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. 

 

Read More मुंबई : चाइनीज बनाने वाली मशीन में फंसी शर्ट और चली गई 22 साल के एक युवक जान !

शेख के खिलाफ लंबी सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था. बाकी 12 आरोपियों को मौत या आजीवन कारावास की सजा दी गई थी. लेकिन इस साल जुलाई में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इन सभी 12 आरोपियों को भी बरी कर दिया. वाहिद शेख अब 46 साल के हैं. उन्होंने बताया,

Read More अडानी समूह के धारावी पुनर्विकास को दिए गए टेंडर को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

वाहिद ने जेल जाने की वजह से उनकी जिंदगी और परिवार पर पड़े असर पर भी बात की. कहा, “उन सालों के दौरान मैंने अपनी जवानी के सबसे अहम साल, आजादी और अपनी इज्जत खो दी. मुझे हिरासत में बेरहमी से टॉर्चर किया गया, जिससे मुझे ग्लूकोमा और लगातार शरीर में दर्द जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो गईं. जब मैं जेल में था, मेरे पिता का देहांत हो गया, मेरी मां का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया, और मेरी पत्नी को हमारे बच्चों को पालने के लिए अकेले संघर्ष करना पड़ा. मेरे बच्चे 'आतंकवादी के बच्चे' कहे जाने के कलंक के साथ बड़े हुए और अपने बचपन में अपने पिता की मौजूदगी से वंचित रहे. मेरे परिवार को भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा, और मैं आज भी लगभग 30 लाख रुपये के कर्ज में डूबा हुआ हूं.”

Read More बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष ललित मोदी की याचिका खारिज 

शेख अब एक स्कूल में टीचर के तौर पर काम कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि उनका करियर और शिक्षा जेल में सजा के दौरान पूरी तरह से बर्बाद हो गए. उन्होंने कहा कि पहले वे मुआवजा नहीं मांग रहे थे क्योंकि उनके साथी आरोपी अब तक सजा भुगत रहे थे, लेकिन अब जब सबको बरी कर दिया गया है, तो यह उनके लिए मुआवजे का हक बनता है.

Read More मोबाइल फोन विवाद के चलते युवक का अपहरण; मालवानी पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया

वाहिद शेख मानते हैं कि कोई भी रकम उनकी खोई हुई जिंदगी और परिवार के दर्द को वापस नहीं ला सकती, लेकिन मुआवजा यह साबित करेगा कि उनके साथ गलत हुआ था और आगे से किसी निर्दोष को ऐसा दर्द ना झेलना पड़े. शेख की अपील पर अब आयोगों में विचार किया जाएगा.

Sabri Human Welfare Foundation Ngo

Latest News

शशि थरूर कांग्रेस के कार्यक्रमों से नदारद, दिल्ली रैली में शामिल न होने पर बोले- मेरी तरफ से सब ठीक शशि थरूर कांग्रेस के कार्यक्रमों से नदारद, दिल्ली रैली में शामिल न होने पर बोले- मेरी तरफ से सब ठीक
गोवा नाइट क्लब हादसे पर बॉम्बे हाईकोर्ट सख्त, कहा- किसी न किसी को जवाबदेह ठहराना होगा
मुंबई : 15 जनवरी मतदान; मतगणना: 16 जनवरी को; 29 नगर निगमों में कुल 2,869 सीटों के लिए चुनाव होंगे; 3.48 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे
बदलापुर स्टेशन पर लगभग दो घंटे तक रुकी रही बेंगलुरु एक्सप्रेस; यात्रियों के बीच झड़प, कर्जत की ओर जाने वाली लोकल ट्रेनों में देरी हुई
दहिसर वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर ट्रक ने मोटरसाइकिल को मार दी टक्कर; सिर कुचल जाने से 2 की मौत
ठाणे में ट्रैफिक जाम एक दुष्चक्र; व्यस्त सड़कों पर मैकेनिकल खराबी और ब्रेकडाउन