मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स के लिए 4,468 करोड़ रुपये की लागत से 157 किलोमीटर ट्रैक बनाने के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड
Larsen & Toubro Limited to build 157 km track for Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project at a cost of Rs 4,468 crore
देश की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी एल एंड टी को बुलेट ट्रेन से जुड़ा एक बड़ा ऑर्डर मिला है। एस. एन. सुब्रह्मण्यम की अगुवाई वाली इस कंपनी को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने यह कॉन्ट्रेक्ट दिया है। महाराष्ट्र में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स के लिए 4,468 करोड़ रुपये की लागत से 157 किलोमीटर ट्रैक बनाने के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी एल एंड टी को बुलेट ट्रेन से जुड़ा एक बड़ा ऑर्डर मिला है। एस. एन. सुब्रह्मण्यम की अगुवाई वाली इस कंपनी को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने यह कॉन्ट्रेक्ट दिया है। महाराष्ट्र में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स के लिए 4,468 करोड़ रुपये की लागत से 157 किलोमीटर ट्रैक बनाने के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
टी-1 पैकेज के लिए हुए इस एग्रीमेंट के तहत एलएंडटी, मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन और महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर स्थित ज़रोली गांव के बीच ट्रैक की डिज़ाइन, सप्लाई और निर्माण करेगी। इस डील में महाराष्ट्र में दोहरी लाइन के लिए परीक्षण और कमीशनिंग समेत ट्रैक संबंधी कार्य भी शामिल हैं। इसमें चार स्टेशनों के लिए ट्रैक निर्माण कार्य और ठाणे में एक रोलिंग स्टॉक डिपो भी शामिल है।
तेजी से चल रहा प्रोजेक्ट पर काम
बुलेट ट्रेन के लिए बना जा रहे सभी तीन टैक के निर्माण का कार्य का कॉन्ट्रेक्ट भारतीय कंपनियों को दिया गया है। 5142 करोड़ की लागत से टी-2 पैकेज, जो कि 237 किलोमीटर लंबा ट्रैक जरोली गांव से वडोदरा के बीच बनाया जा रहा है, और इसके निर्माण का ठेका इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को दिया गया है। वहीं, 3141 करोड़ की लागत वाले टी-3 पैकेज का निर्माण वडोदरा से साबरमती के बीच हो रहा है, जो 116 किलोमीटर लंबा ट्रैक है। इसका कॉन्ट्रेक्ट भी एल एंड टी को मिल चुका है।
मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के 320 किलोमीटर के ट्रैक पर तेजी से काम जारी है और लगभग पूरा हो चुका है। वहीं, कुछ स्टेशन्स पर सुपरस्ट्रक्चर से जुड़ा काम एडवांस स्टेज में पहुंच चुका है। खास बात है कि इसप्रोजेक्ट में जापानी एचएसआर (शिंकानसेन) में प्रयुक्त गिट्टी रहित स्लैब ट्रैक प्रणाली का उपयोग भारत की पहली एचएसआर परियोजना (एमएएचएसआर) के लिए किया जा रहा है।

