नई दिल्ली : कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और चुनाव आयोग के कंधे से निशाना साध रहे हैं - मुख्य चुनाव आयुक्त
New Delhi: Some parties are spreading misinformation about this and are targeting the Election Commission from its shoulder - Chief Election Commissioner
लोकसभा में विपक्षा के नेता राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोप और विपक्षी दलों की ओर से बिहार एसआईआर पर मचाए राजनीतिक बवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची में सभी कमियों को दूर करना है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और चुनाव आयोग के कंधे से निशाना साध रहे हैं।
नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्षा के नेता राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोप और विपक्षी दलों की ओर से बिहार एसआईआर पर मचाए राजनीतिक बवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची में सभी कमियों को दूर करना है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और चुनाव आयोग के कंधे से निशाना साध रहे हैं।
ज्ञानेश कुमार की पीसी की 5 बड़ी बातें
सीईसी ने डबल वोटिंग और 'वोट चोरी' के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि सभी हितधारक पारदर्शी तरीके से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। राहुल गांधी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि या तो वो 7 दिन में हलफनामा दायर किया जाए नहीं तो देश से माफी मांगे।
विपक्ष की ओर से बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के समय पर सवाल उठाए जाने पर कुमार ने कहा कि यह एक मिथक है कि एसआईआर जल्दबाजी में किया गया है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक चुनाव से पहले मतदाता सूची को सही करना चुनाव आयोग का कानूनी कर्तव्य है।
उन्होंने कहा, "यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल और उनके नेता बिहार में एसआईआर पर गलत सूचना फैला रहे हैं। कुछ राजनीतिक दल चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साध रहे हैं। चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों से बिहार में मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज करने का आग्रह करता है। अभी 15 दिन बाकी हैं।"
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं और बूथ स्तर के अधिकारी और एजेंट पारदर्शी तरीके से मिलकर काम कर रहे हैं।" कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता। सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दल चुनाव आयोग के सामने समान हैं।
उन्होंने कहा, "अगर चुनाव याचिकाएं 45 दिनों के भीतर दायर नहीं की जातीं, लेकिन वोट चोरी के आरोप लगाए जाते हैं तो यह भारतीय संविधान का अपमान है।" कुमार ने जोर देकर कहा कि न तो चुनाव आयोग और न ही मतदाता डबल वोटिंग और "वोट चोरी" के "निराधार आरोपों" से डरते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कुछ लोगों की ओर से की जा रही राजनीति की परवाह किए बिना सभी वर्गों के मतदाताओं के साथ दृढ़ रहेगा।

