मुंबई : पब्लिक सिक्योरिटी बिल; शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को इससे डरने की जरूरत नहीं है - फडणवीस
Mumbai: Public Security Bill; Peaceful protesters need not fear it - Fadnavis
महाराष्ट्र में हाल ही में पास हुए स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी बिल 2024 को लेकर जबरदस्त राजनीति गरमा गई है. विपक्ष और सिविल सोसाइटी के आरोप हैं कि यह कानून सरकार की आलोचना करने वालों को दबाने का हथियार बन सकता है. वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ किया है कि यह बिल केवल “अर्बन नक्सलिज्म” और “पैसिव मिलिटेंसी” को रोकने के लिए है, न कि सरकार की नीतियों का विरोध करने वालों को निशाना बनाने के लिए. फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “अगर आप अर्बन नक्सल की तरह काम करेंगे तो गिरफ्तार होंगे.
मुंबई : महाराष्ट्र में हाल ही में पास हुए स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी बिल 2024 को लेकर जबरदस्त राजनीति गरमा गई है. विपक्ष और सिविल सोसाइटी के आरोप हैं कि यह कानून सरकार की आलोचना करने वालों को दबाने का हथियार बन सकता है. वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ किया है कि यह बिल केवल “अर्बन नक्सलिज्म” और “पैसिव मिलिटेंसी” को रोकने के लिए है, न कि सरकार की नीतियों का विरोध करने वालों को निशाना बनाने के लिए. फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “अगर आप अर्बन नक्सल की तरह काम करेंगे तो गिरफ्तार होंगे. लेकिन यह कानून शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों या सरकार की आलोचना करने वालों पर नहीं लगेगा.”
क्या है महाराष्ट्र का पब्लिक सिक्योरिटी बिल?
महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र में पास हुआ यह बिल वामपंथी उग्रवादी संगठनों की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए बनाया गया है. खासकर उन अर्बन नक्सल को निशाना बनाया जाएगा जो शहरों में रहकर “पैसिव मिलिटेंसी” को बढ़ावा देते हैं. इस कानून में सख्त प्रावधान रखे गए हैं. दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान है. इन्हीं कड़े प्रावधानों को लेकर विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया है.
विपक्ष और सिविल सोसाइटी क्यों कर रही विरोध?
कांग्रेस और NCP जैसे दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार इस बिल का इस्तेमाल विरोधी आवाजों को दबाने के लिए कर सकती है. सिविल सोसाइटी समूहों का कहना है कि “राष्ट्रीय सुरक्षा” के नाम पर लोगों के मौलिक अधिकारों को सीमित करने की कोशिश हो रही है. वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री फडणवीस को चुनौती दी है कि वे उनके कार्यकर्ताओं को इस कानून के तहत गिरफ्तार करके दिखाएं.
फडणवीस का जवाब: “आलोचना पर नहीं, अर्बन नक्सल पर कार्रवाई”
इन आरोपों पर जवाब देते हुए फडणवीस ने साफ कहा कि यह बिल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा, “यह कानून सिर्फ उन पर लागू होगा जो नक्सल एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं. शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को इससे डरने की जरूरत नहीं है.”
हिंदी- मराठी विवाद पर भी बोले फडणवीस
राज ठाकरे के आरोप पर कि सरकार बच्चों को जबरदस्ती हिंदी सिखाना चाहती है, फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी अनिवार्य है. लेकिन उसके साथ एक भारतीय भाषा सीखना भी जरूरी है. उन्होंने कहा, “मैं अंग्रेजी को लाल कालीन बिछाकर आमंत्रित करने के बजाय भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के पक्ष में हूं.”

