मुंबई: पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक से जुड़े लोन घोटाले में एक और बड़ा नाम सामने आया
Mumbai: Another big name has surfaced in the loan scam related to Punjab and Maharashtra Bank
देश की चर्चित पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक से जुड़े लोन घोटाले में एक और बड़ा नाम सामने आया है. आवास डेवेलपर्स एंड कंस्ट्रक्शन प्रा. लि.. बैंक ने इस कंपनी को 135 करोड़ तक की क्रेडिट लिमिट मंजूर की थी, लेकिन दस्तावेज़ों के मुताबिक कंपनी को केवल 30 करोड़ की राशि ही वाकई में मिली.
मुंबई: देश की चर्चित पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक से जुड़े लोन घोटाले में एक और बड़ा नाम सामने आया है. आवास डेवेलपर्स एंड कंस्ट्रक्शन प्रा. लि.. बैंक ने इस कंपनी को 135 करोड़ तक की क्रेडिट लिमिट मंजूर की थी, लेकिन दस्तावेज़ों के मुताबिक कंपनी को केवल 30 करोड़ की राशि ही वाकई में मिली. इसके बावजूद बैंक ने 170 करोड़ की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, एक हालिया फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है कि बैंक ने पृथ्वी रियल्टर्स एंड होटल्स प्रा. लि. नाम की कंपनी को 87.5 करोड़ का लोन स्वीकृत किया था.
अगस्त 2012 के बाद किसी तरह की नई फंडिंग हुई ही नहीं
इस पूरे मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंट दीपक सिंघानिया एंड एसोसिएट्स द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2012 के बाद किसी तरह की नई फंडिंग नहीं हुई. हालांकि बैंक की ओर से लोन लिमिट बढ़ाने की मंजूरी दी जाती रही 75.25 करोड़ (2015), 65.25 करोड़ और 10 करोड़ (2017), और 135 करोड़ (2019). इन सबके बावजूद, बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर नहीं हुए. इसके बजाय सिर्फ ब्याज की एंट्रियां जोड़कर लोन को एक्टिव दिखाया गया.
इस कंपनी ने कहा है कि उसने मुंबई, ठाणे और पालघर में कई संपत्तियाँ गिरवी रखीं, यह मानते हुए कि मंजूर की गई राशि का पूरा उपयोग होगा. लेकिन जब रकम नहीं मिली, तब कंपनी ने बैंक के ₹170 करोड़ की मांग को चुनौती दी.
NCLT और कंपनी ने बैंक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया
इससे पहले प्रिथ्वी रियल्टर्स एंड होटल्स प्रा. लि. के साथ भी ऐसा ही मामला सामने आया था. जिसमें 87.5 करोड़ के लोन की मंजूरी तो दी गई, लेकिन एक रुपया भी जारी नहीं किया गया. इसके बावजूद, कंपनी पर 150 करोड़ से अधिक की देनदारी दर्ज कर दी गई. यह मामला फिलहाल NCLT में है और कंपनी ने बैंक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
इसके साथ ही RBI की 2019 की ऑडिट रिपोर्ट के पैरा 7 में यह भी सामने आया कि PMC बैंक ने करीब 21,000 फर्जी लोन एंट्रियाँ दर्ज कीं, जिनकी कुल रकम 5,000 करोड़ से भी ज्यादा थी. इससे बैंक की वित्तीय स्थिति बेहतर दिखाने की कोशिश की गई. अब यह मामला अदालत में विचाराधीन है.

