मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनने के दो साल बाद भी कार्यकारिणी नहीं बना सकी वर्षा गायकवाड़
Even after two years of becoming Mumbai Congress President, Varsha Gaikwad could not form the executive
दिल्ली कांग्रेस हाईकमान ने महाराष्ट्र की नई प्रदेश कार्यकारिणी को हरी झंडी दे दी है। लेकिन मुंबई कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का अब तक न कोई अता है, और न कोई पता है। वर्षा गायकवाड़ के मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनने के दो साल बाद भी वे अपनी कार्यकारिणी नहीं बना सकी है। इधर, हर्षवर्धन सपकाल के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्त के पांच महीने के अंदर ही उन्हें जंबो कार्यकारिणी मिल गई।
मुंबई: दिल्ली कांग्रेस हाईकमान ने महाराष्ट्र की नई प्रदेश कार्यकारिणी को हरी झंडी दे दी है। लेकिन मुंबई कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का अब तक न कोई अता है, और न कोई पता है। वर्षा गायकवाड़ के मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनने के दो साल बाद भी वे अपनी कार्यकारिणी नहीं बना सकी है। इधर, हर्षवर्धन सपकाल के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्त के पांच महीने के अंदर ही उन्हें जंबो कार्यकारिणी मिल गई। उनकी नई कार्यकारिणी में मुंबई के जाकिर अहमद, राजन भोसले, राजेश शर्मा, भावना जैन को स्थान मिला है, लेकिन अमरजीत सिंह मनहास को कोषाध्यक्ष पद से मुक्ति दे दी गई है। माना जा रहा है पार्टी मनहास को वर्षा गायकवाड की जगह मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है।
वर्षा गायकवाड़ को अध्यक्ष के तौर पर दो साल पूरे
मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाले हुए वर्षा गायकवाड़ को दो साल पूरे हो गए, लेकिन अब तक वे अपनी नई कार्यकारिणी नहीं बना सकी। हां, अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने अपनी नई कार्यकारिणी की लिस्ट दिल्ली हाईकमान के पास भेजी जरूर थी, लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली। दिल्ली की सहमति के बाद वे अपने 10-12 करीबी लोगों को कार्यकारिणी में शामिल करने में जरूर सफल हुई थी। फिर लोकसभा चुनाव से पहले और विधानसभा चुनाव के बाद नई कार्यकारिणी की लिस्ट बनाकर दिल्ली हाईकमान को भेजी थी। उसे भी दिल्ली ने लटका रखा है। आज भी वर्षा गायकवाड को पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप की बनाई कार्यकारिणी से ही काम चलाना पड़ रहा है।
मुंबई कांग्रेस में 'वर्षा हटाओ, कांग्रेस बचाओ' की गूंज
दरअसल, वर्षा गायकवाड के कामकाज से पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीम खान, चंद्रकांत हंडोरे, पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप, सुरेश शेट्टी, अमरजीत सिंह मनहास, बलदेव खोसा, चरण सिंह सप्रा, मधु चव्हाण जैसे अन्य वरिष्ठ नेता नाराज है। उन्होंने समय-समय पर अपनी नाराजगी से दिल्ली हाईकमान को अवगत कराया है। इधर, मनसे के हिंदी विरोधी अभियान में मुंबई कांग्रेस की भूमिका के चलते हिंदी भाषी समाज भी नाराज है। मुंबई कांग्रेस में 'वर्षा हटाओ, कांग्रेस बचाओ' की गूंज सुनाई दे रही है।

