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Maharashtra 

कांग्रेस एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को चुनाव मैदान में नहीं उतार सकी - सपा नेता अबू आजमी

कांग्रेस एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को चुनाव मैदान में नहीं उतार सकी - सपा नेता अबू आजमी  सपा विधायक और पूर्व राज्यसभा सांसद अबू आसिम आजमी ने भी राज्य में लोकसभा चुनाव में MVA की ओर से मुस्लिम उम्मीदवार न उतारने को लेकर नाराजगी जाहिर की है. अबू आसिम आजमी ने साफ तौर से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये बेहद ही शर्मनाक है कि कांग्रेस एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को चुनाव मैदान में नहीं उतार सकी. उन्होंने मुस्लिम आरक्षण के मसले पर भी कांग्रेस को घेरा.
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Mumbai 

काम बंद करने वाले ठेकेदार से 1 महीना बीत जाने के बावजूद अभी तक नहीं वसूला गया जुर्माना...

काम बंद करने वाले ठेकेदार से 1 महीना बीत जाने के बावजूद अभी तक नहीं वसूला गया जुर्माना... प्रशासन ने ठेकेदार पर 64 करोड़ का जुर्माना लगाने के साथ ही उसकी जमा राशि और इसारा जमा राशि भी जब्त करने का आदेश दिया है. लेकिन दो माह बाद भी इस पर अमल नहीं हो सका है. इस मामले में पूर्व बीजेपी पार्षद मकरंद नार्वेकर ने बृहन्मुंबई नगर निगम को पत्र लिखकर पूछा है कि सड़क ठेकेदार रोडवे सॉल्यूशंस इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से जुर्माना वसूलने को लेकर नगर निगम उदासीन क्यों है.
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Maharashtra 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम का शिवसेना UBT पर हमला, वह बिना कांग्रेस के सपोर्ट के एक भी...

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम का शिवसेना UBT पर हमला,  वह बिना कांग्रेस के सपोर्ट के एक भी... कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने आगे कहा, ''यह मेरी खुली चुनौती है. वैसे भी, मुंबई के मराठी भाषी समाज में उबाठा ग्रुप के खिलाफ ज़बरदस्त नाराज़गी है. उम्मीद करता हूं इस माहौल में कांग्रेस नेतृत्व प्रवक्ता की गीदड़ भभकी में नहीं आएगा.'' बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी ने मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट से अमोल कीर्तिकर को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, संजय निरुपम कांग्रेस के टिकट पर खुद इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे.
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Mumbai 

बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर स्काईवे के पुनर्निर्माण का काम एक साल बाद भी कागजों पर ही है...

बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर स्काईवे के पुनर्निर्माण का काम एक साल बाद भी कागजों पर ही है... मुख्य न्यायाधीश ने ऐसे सवाल नगर निगम के वकीलों से पूछे. इस पर नगर निगम की ओर से अदालत से अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए अंतिम अवसर के रूप में एक सप्ताह की समयसीमा देने का अनुरोध किया गया. तो क्या नगर पालिका एक सप्ताह में स्काईवे बनाने जा रही है? कोर्ट ने ऐसा अहम सवाल पूछा. साथ ही मामले की जानकारी नगर निगम के वरीय अधिकारियों को देने और 27 मार्च को भूमिका स्पष्ट करने को कहा.
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