नालासोपारा: फेरीवालों और रिक्शावालों से त्रस्त नालासोपारा की जनता; अवैध वाहनों का 'राज' फिर शुरू जनता की परेशानी
Nallasopara: People of Nallasopara are troubled by hawkers and rickshaw pullers; the 'rule' of illegal vehicles has started again and people are facing problems
वसई-विरार क्षेत्र की सड़कें एक बार फिर अवैध वाहनों के बेखौफ गढ़ बन गई है। आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस द्वारा महज कुछ दिनों की 'दिखावटी' कार्रवाई के बाद, जर्जर और बिना कागजात वाले सैकड़ों वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं, जिससे न केवल गंभीर ट्रैफिक जाम हो रहा है, बल्कि यात्रियों की जान भी खतरे में पड़ गई है। इस स्थिति से स्थानीय नागरिक और वैध रिक्शा चालक खासे परेशान हैं।
नालासोपारा: वसई-विरार क्षेत्र की सड़कें एक बार फिर अवैध वाहनों के बेखौफ गढ़ बन गई है। आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस द्वारा महज कुछ दिनों की 'दिखावटी' कार्रवाई के बाद, जर्जर और बिना कागजात वाले सैकड़ों वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं, जिससे न केवल गंभीर ट्रैफिक जाम हो रहा है, बल्कि यात्रियों की जान भी खतरे में पड़ गई है। इस स्थिति से स्थानीय नागरिक और वैध रिक्शा चालक खासे परेशान हैं।
स्टेशन परिसर में अराजकता और नागरिकों की परेशानी
शहर के स्टेशन परिसरों में फेरीवाले और अवैध रिक्शा चालकों का बोलबाला है। इन स्थानों पर हमेशा भीड़भाड़ रहती है, जिससे पैदल चलने वालों और यात्रियों को भारी असुविधा होती है। अवैध रिक्शा चालक मनमाने ढंग से यात्रियों को बिठाते हैं और अक्सर निर्धारित किराए से अधिक वसूलते हैं, जिससे वैध रिक्शा चालकों के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाता है। नागरिकों का कहना है कि स्टेशन परिसरों में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
अवैध वाहनों का बढ़ता जाल और ट्रैफिक जाम
वसई-विरार क्षेत्र में जनसंख्या के साथ-साथ वाहनों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या इन अवैध वाहनों से उत्पन्न हो रही है। खासकर नालासोपारा में, अवैध रिक्शा और मैजिक वैन की भरमार है। ये वाहन अक्सर पुरानी और खस्ताहाल स्थिति में होते हैं, जिनके पास न तो उचित परमिट होता है और न ही आवश्यक सुरक्षा उपकरण। इन वाहनों के कारण सड़कों पर अराजकता का माहौल रहता है और रोजाना भीषण ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। यात्रियों का कहना है कि इन वाहनों में सफर करना जानलेवा हो सकता है, क्योंकि वे अक्सर क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाते हैं और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते हैं।
वैध रिक्शा चालकों की घटती कमाई और नाराजगी
अवैध वाहनों की बढ़ती संख्या का सबसे बुरा असर वैध रिक्शा चालकों पर पड़ रहा है। वे शिकायत करते हैं कि अवैध रिक्शा, मैजिक वैन और यहां तक कि कुछ निजी बसें भी यात्रियों को बेहद सस्ते किराए पर ले जाती है, जिससे उनकी कमाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। पूरे दिन कड़ी मेहनत करने के बावजूद, कई वैध चालक अपने ऑटो की मासिक किस्त तक नहीं चुका पा रहे है। उनका कहना है कि वे सभी नियमों का पालन करते हैं, टैक्स भरते हैं और परमिट रखते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें अवैध चालकों के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है। नागरिकों और वैध चालकों का आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ इस समस्या को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहे हैं।

