मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन; 100 मीटर लंबा स्टील ब्रिज बनकर तैयार
Mumbai-Ahmedabad Bullet Train; 100 meter long steel bridge completed
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. गुजरात के भरूच के पास डीएफसीसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) ट्रैक पर 100 मीटर लंबा स्टील ब्रिज बनकर तैयार हो गया है. यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत बना है और इस परियोजना के लिए गुजरात में बनने वाले 17 स्टील ब्रिजों में से आठवां है. पूरे कॉरिडोर में कुल 28 स्टील ब्रिज बनाए जाएंगे.
नई दिल्ली. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. गुजरात के भरूच के पास डीएफसीसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) ट्रैक पर 100 मीटर लंबा स्टील ब्रिज बनकर तैयार हो गया है. यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत बना है और इस परियोजना के लिए गुजरात में बनने वाले 17 स्टील ब्रिजों में से आठवां है. पूरे कॉरिडोर में कुल 28 स्टील ब्रिज बनाए जाएंगे.
यह स्टील ब्रिज 1,400 मीट्रिक टन वजनी, 14.6 मीटर ऊंचा और 14.3 मीटर चौड़ा है. इसे त्रिची (तमिलनाडु) की एक कार्यशाला में बनाया गया और खास तौर पर डिज़ाइन किए गए ट्रेलरों की मदद से निर्माण स्थल तक लाया गया. ब्रिज को स्थापित करने के लिए 84 मीटर लंबा और 600 मीट्रिक टन वजनी लॉन्चिंग नोज़ इस्तेमाल किया गया. इसकी मजबूती के लिए करीब 55,300 टोर-शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ (टीटीएचएस) बोल्ट का उपयोग हुआ. ब्रिज को विशेष पेंटिंग (सी5 सिस्टम) और इलास्टोमेरिक बियरिंग के साथ बनाया गया है, जिसे 100 साल तक चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
ब्रिज को जमीन से 18 मीटर की ऊंचाई पर अस्थायी ट्रेस्टल्स पर जोड़ा गया. इसे स्थापित करने के लिए दो अर्ध-स्वचालित जैक का इस्तेमाल किया गया, जिनमें प्रत्येक की क्षमता 250 टन थी. इन जैकों ने मैक-अलॉय बार की मदद से ब्रिज को खींचकर सही जगह पर लगाया. यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और सटीक थी. ब्रिज को लगाने के लिए डीएफसीसी ट्रैक पर बीच-बीच में ट्रैफिक ब्लॉक किए गए. ये ब्लॉक माल ढुलाई सेवाओं में कम से कम व्यवधान के साथ चरणबद्ध तरीके से किए गए, ताकि रेल सेवाएं प्रभावित न हों.
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