मुंबई : राज्य के वन मंत्री ने फसल नुकसान रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही
Mumbai: State Forest Minister said that effective steps will be taken to prevent crop damage
देशभर में कई राज्यों में बेसहारा और जंगली जानवर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाने के मामले सामने आते हैं. इनसे निपटने के लिए राज्य अपने स्तर पर प्लान तो बनाते है, लेकिन किसानों की समस्या जस की तस बनी रहती है. अब महाराष्ट्र के तटीय इलाके कोंकण में किसान बंदर, लंगूरों और जंगली सूअरों से त्रास खा रहे हैं. ऐसे में राज्य के वन मंत्री ने फसल नुकसान रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही है.
मुंबई : देशभर में कई राज्यों में बेसहारा और जंगली जानवर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाने के मामले सामने आते हैं. इनसे निपटने के लिए राज्य अपने स्तर पर प्लान तो बनाते है, लेकिन किसानों की समस्या जस की तस बनी रहती है. अब महाराष्ट्र के तटीय इलाके कोंकण में किसान बंदर, लंगूरों और जंगली सूअरों से त्रास खा रहे हैं. ऐसे में राज्य के वन मंत्री ने फसल नुकसान रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही है. वन मंत्री गणेश नाइक ने रत्नागिरी जिले के दापोली तालुका में जंगली जानवरों के कारण स्थानीय किसानों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए एक बैठक की.
दीर्घकालिक समाधान की जरूरत: वन मंत्री
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोंकण क्षेत्र में बंदरों और लंगूरों की आबादी को नियंत्रित करने और उनसे होने वाले फसल नुकसान को रोकने के लिए उनकी नसबंदी के लिए केंद्र बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. नाइक के हवाले से एक बयान में कहा गया है कि कोंकण में बंदरों और लंगूरों द्वारा, विशेष रूप से कृषि क्षेत्रों में बढ़ती हुई परेशानियों ने हमें दीर्घकालिक निवारक समाधान तलाशने के लिए प्रेरित किया है. हम वर्तमान में रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में उनकी आबादी को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी केंद्र बनाने के प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं.
मुआवजा देना स्थायी समाधान नहीं: नाइक
मंत्री ने कहा कि इन जानवरों के कारण होने वाले फसल नुकसान के लिए किसानों को केवल मुआवजा देने का वर्तमान दृष्टिकोण स्थायी समाधान नहीं है. नाइक ने कहा कि हमें भविष्य में इस तरह के नुकसान को रोकने के लिए स्थायी उपाय लागू करने चाहिए. जंगली सूअर, बंदर और लंगूर न केवल दापोली में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि गांवों और यहां तक कि घरों में भी घुसने लगे हैं.
उपाय लागू करने में नहीं होगी पैसों की कमी
उन्होंने कहा कि इस तरह की घुसपैठ स्थानीय किसानों की आजीविका के लिए गंभीर खतरा है. मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि दीर्घकालिक उपायों को लागू करने के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सरकार कृषि की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और वन्यजीवों द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक धन आवंटित करेगी. किसानों को जंगली सूअरों से अपनी फसलों की रक्षा के लिए कानूनी सीमाओं के भीतर बंदूकों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
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