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मुंबई के चार स्कूली स्टूडेंट्स स्कूल प्रोजेक्ट में इंडस्ट्रियल प्रदूषण से जुड़े कारणों, नतीजों और समाधानों की जांच की; इंडस्ट्रीज़ और नागरिकों से नुकसान से पहले कदम उठाने की अपील 

मुंबई के चार स्कूली स्टूडेंट्स स्कूल प्रोजेक्ट में इंडस्ट्रियल प्रदूषण से जुड़े कारणों, नतीजों और समाधानों की जांच की; इंडस्ट्रीज़ और नागरिकों से नुकसान से पहले कदम उठाने की अपील  सपनों का शहर मुंबई, तेज़ी से शहरीकरण और इंडस्ट्रियल विस्तार के कारण बढ़ते प्रदूषण से जूझ रहा है। एक ऐसा शहर जो पहले से ही अपनी घनी आबादी और ट्रैफिक के लिए जाना जाता है, वहाँ भी इंडस्ट्रियल एक्टिविटी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले सबसे बड़े कारणों में से एक है।
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Maharashtra 

मुंबई : बाढ़ के कारण भारी नुकसान; किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज की घोषणा

मुंबई : बाढ़ के कारण भारी नुकसान; किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज की घोषणा महाराष्ट्र सरकार ने हाल में हुई बारिश और बाढ़ के कारण भारी नुकसान उठाने वाले किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज की घोषणा की। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार बाढ़ से क्षतिग्रस्त प्रति हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए 47,000 रुपये नकद और रोजगार गारंटी योजना के तहत 3 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। 
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Maharashtra 

मुंबई : राज्‍य के वन मंत्री ने फसल नुकसान रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही 

मुंबई : राज्‍य के वन मंत्री ने फसल नुकसान रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही  देशभर में कई राज्‍यों में बेसहारा और जंगली जानवर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाने के मामले सामने आते हैं. इनसे निपटने के लिए राज्‍य अपने स्‍तर पर प्‍लान तो बनाते है, लेकिन किसानों की समस्‍या जस की तस बनी रहती है. अब महाराष्‍ट्र के तटीय इलाके कोंकण में किसान बंदर, लंगूरों और जंगली सूअरों से त्रास खा रहे हैं. ऐसे में राज्‍य के वन मंत्री ने फसल नुकसान रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही है.
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उरण: जंगली सूअरों से धान के खेतों को नुकसान, वन, कृषि विभाग की उपेक्षा

उरण: जंगली सूअरों से धान के खेतों को नुकसान, वन, कृषि विभाग की उपेक्षा तालुका में धान के खेत की कटाई और मड़ाई चल रही है और उसी समय जंगली सूअर वन क्षेत्र से उसी खेत पर हमला कर रहे हैं और खेत को नष्ट कर रहे हैं. इस संबंध में वन एवं कृषि विभाग को सूचना देने के बाद भी अनदेखी किये जाने से किसान नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. इस वर्ष धान की फसल तैयार होने के अंतिम समय में हुई बारिश के कारण धान की फसल पर संकट आ गया है। अब जब बारिश कम हो गई है तो किसानों ने धान की कटाई, मड़ाई और मढ़ाई का काम शुरू कर दिया है। हालाँकि, खेतिहर मजदूरों की कमी के कारण चावल की फसल की कटाई में देरी हो रही है।
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