महाराष्ट्र हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने में पिछड़ा... 2 करोड़ पुराने वाहनों में नहीं आधुनिक नंबर प्लेट

Maharashtra lags behind in installing high security registration plates... 2 crore old vehicles do not have modern number plates

महाराष्ट्र हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने में पिछड़ा... 2 करोड़ पुराने वाहनों में नहीं आधुनिक नंबर प्लेट

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 1 अप्रैल 2019 को या उसके बाद बेचे जाने वाले सभी वाहनों पर वाहन निर्माताओं के लिए एचएसआरपी लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं 2019 के पहले के वाहनों में एचएसआरपी का उपयोग टेंडर प्रक्रिया या वाहन निर्माता कंपनी के माध्यम से करवाने के विकल्प दिया गया था।

मुंबई: वाहनों की चोरी या अपराध में वाहनों के इस्तेमाल को रोकने के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एचएसआरपी) के इस्तेमाल के मामले में उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड जैसे राज्यों ने महाराष्ट्र को पछाड़ दिया है। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य डॉ. कमल सोई के अनुसार, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को छोड़ देश के सभी राज्यों में 2019 के पहले के वाहनों में एचएसआरपी लगाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।

जबकि महाराष्ट्र में अब तक पुराने वाहनों में एचएसआरपी लगाने की प्रक्रिया की शुरुआत तक नहीं हो पाई है। नतीजतन राज्य के करीब 2 करोड़ वाहनों को आधुनिक नंबर प्लेट से जोड़ना बाकी है। राज्य सरकार पिछले कुछ सालों से एचएसआरपी के लिए टेंडर आमंत्रित कर रही है, लेकिन अब तक टेंडर फाइनल नहीं कर पाई है।

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अंतिम टेंडर की तारीख 12 फरवरी 2024 की थी, जिसे भी तकनीकी कारणों से आगे बढ़ा दिया गया। टेंडर प्रक्रिया में हो रही देरी के कारण राज्यों में वाहनों के माध्यम से होने वाली आपराधिक घटनाओं में कमी नहीं आ रही है।

डॉ. कमल के अनुसार, देश में होने वाले करीब 99 फीसदी अपराध वाहनों के माध्यम से होते हैं। इनमें मर्डर, स्मगलिंग, चेन स्नैचिंग, बलात्कार समेत अन्य अपराध शामिल हैं। कुछ महीने पहले चर्चित सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी अपराधियों में फर्जी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का इस्तेमाल किया था।

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राज्यों में एचएसआरपी का इस्तेमाल नहीं होने से चोरी के वाहनों की बिक्री आसानी से हो रही है। सभी वाहनों के लिए नई नंबर प्लेट अनिवार्य कर आपराधिक घटनाओं को कम किया जा सकता है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 1 अप्रैल 2019 को या उसके बाद बेचे जाने वाले सभी वाहनों पर वाहन निर्माताओं के लिए एचएसआरपी लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं 2019 के पहले के वाहनों में एचएसआरपी का उपयोग टेंडर प्रक्रिया या वाहन निर्माता कंपनी के माध्यम से करवाने के विकल्प दिया गया था।

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डॉ. कमल के अनुसार, एचएसआरपी का काम राज्य में टेंडर प्रक्रिया में आ रही अड़चनों के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है, तो वाहन निर्माता कंपनियों के माध्यम से प्रक्रिया की शुरुआत करनी चाहिए। कई राज्यों में वाहन निर्माता कंपनी के माध्यम से पुरानी गाड़ियों में नए नंबर प्लेट लगाने का काम चल रहा है। देश में कुल 38 करोड़ पुरानी गाड़ियां हैं, जिनमें से 20 करोड़ वाहनों में नई नंबर प्लेट लग चुकी हैं।

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