मुंबई की अदालत ने शिवसेना (यूबीटी) नेता की ईडी हिरासत 25 जनवरी तक बढ़ाई
Mumbai court extends ED custody of Shiv Sena (UBT) leader till January 25
मुंबई, मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने कथित ‘खिचड़ी घोटाला’ मामले में गिरफ्तार किए गए शिवसेना (यूबीटी) नेता सूरज चव्हाण की हिरासत सोमवार को 25 जनवरी तक बढ़ा दी.
मुंबई, मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने कथित ‘खिचड़ी घोटाला’ मामले में गिरफ्तार किए गए शिवसेना (यूबीटी) नेता सूरज चव्हाण की हिरासत सोमवार को 25 जनवरी तक बढ़ा दी. युवा सेना अध्यक्ष और विधायक आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी चव्हाण को 17 जनवरी को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जांच किए गए ‘खिचड़ी घोटाला’ मामले से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था.
उन्हें 22 जनवरी तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत दी गई थी और उनकी रिमांड एक सप्ताह बढ़ाने के लिए विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया था. विस्तारित हिरासत की मांग करते हुए ईडी ने तर्क दिया कि चव्हाण ने कथित मनी-लॉन्ड्रिंग अपराध की आय का उपयोग रियल्टी और डेयरी व्यवसाय में निवेश करने के लिए किया था और “पूरे अपराध में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका” निभाई थी.
कथित अनियमितताएं तब हुईं, जब बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कोविड-19 महामारी लॉकडाउन के दौरान यहां फंसे प्रवासियों को ‘खिचड़ी’ उपलब्ध कराने के लिए फोर्स वन मल्टी-सर्विसेज सहित निजी कैटरर्स को बड़े ठेके दिए.
ईडी ने दलील दी कि बीएमसी ने कंपनी के बैंक खातों में 8.64 करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की थी, जिसमें से करीब 3.64 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई. इस राशि में से 1.25 करोड़ रुपये कथित तौर पर चव्हाण के बैंक खाते में और 10 लाख रुपये उनकी साझेदारी फर्म, फायरफाइटर्स एंटरप्राइजेज के बैंक खाते में भेज दिए गए, इस प्रकार ‘अपराध की आय’ के रूप में लगभग 1.35 करोड़ रुपये अवैध रूप से हड़प लिए गए.
ईडी ने तर्क दिया कि चव्हाण ने कथित तौर पर व्यक्तिगत करों और देनदारियों को चुकाने, एक फ्लैट और कृषि भूमि खरीदने और डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए इस राशि का निवेश किया है. ईडी ने घोटाले की अधिक जानकारी को उजागर करने और धन के लेन-देन तथा अन्य खिलाड़ियों की संभावित संलिप्तता का पता लगाने के लिए दस्तावेजों और कंपनियों में उनके सहयोगियों से उनका आमना-सामना कराने के लिए हिरासत बढ़ाने की मांग की.
आदित्य ठाकरे, संजय राउत और सुषमा अंधारे सहित शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने विभिन्न कथित घोटालों में “चुनिंदा रूप से उनके नेताओं को निशाना बनाने” की ईडी की कार्रवाई की निंदा की है.

