नदियों को जोड़ने की अहम परियोजना जल्द शुरू होगा काम...

Work on important project of linking rivers will start soon...

नदियों को जोड़ने की अहम परियोजना जल्द शुरू होगा काम...

जल शक्ति मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अब कोई बड़ी अड़चन नहीं है। पर्यावरण मंत्रालय की अंतिम मंजूरी के बाद इस प्रोजेक्ट पर पूरी ताकत से काम होने का रास्ता साफ हो जाएगा। वन्य जीव से संबंधित मंजूरी का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी है।

नई दिल्ली : नदियों को जोड़ने की अहम परियोजना केन-बेतवा लिंक पर अगले साल की शुरुआत में काम तेज हो सकता है। शुरुआती अनुमति के लगभग छह साल बाद महत्वपूर्ण वन मंजूरी के बाद इसके आसार बढ़ गए हैं कि सिंचाई और पेयजल के इस बड़े कार्यक्रम को आखिरकार गति मिल जाएगी। यह प्रोजेक्ट 44 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है और नदियों को जोड़ने के वर्षों पुराने सपने को साकार करने की पहली बड़ी कड़ी भी है।

जल शक्ति मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अब कोई बड़ी अड़चन नहीं है। पर्यावरण मंत्रालय की अंतिम मंजूरी के बाद इस प्रोजेक्ट पर पूरी ताकत से काम होने का रास्ता साफ हो जाएगा। वन्य जीव से संबंधित मंजूरी का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी है।

मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ महीनों में इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी सक्रियता दिखाई है। यह परियोजना 10.6 लाख हेक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई का साधन उपलब्ध कराने के साथ ही 60 लाख से अधिक लोगों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराएगी। मध्य प्रदेश सरकार ने वन क्षेत्र को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जमीन जुटाने के काम में काफी हद तक सफलता हासिल कर ली है।

क्या इस परियोजना पर चुनाव के नतीजों का कुछ फर्क पड़ सकता है, इस सवाल पर मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इसे पूरा करना सभी के हित में है। राज्य सरकार ने सितंबर में सूचित किया था कि वन विभाग ने लगभग सात हजार हेक्टेयर गैर कृषि भूमि चिन्हित कर ली है। यह भविष्य की जरूरतों के लिहाज से भी काफी है, क्योंकि इसके जरिये करीब एक हजार हेक्टेयर गैर कृषि भूमि अतिरिक्त है, जो आगे जरूरत पड़ने पर काम आएगी।

इतना ही नहीं, छतरपुर औऱ पन्ना में भी वन विभाग ने निजी भूमि का अधिग्रहण किया है। इसके साथ ही मुआवजे का भुगतान भी किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत केन नदी के जल को बेतवा की ओर स्थानांतरित किया जाएगा।

अधिकारियों के अनुसार, जिस तरह मध्य प्रदेश में इस परियोजना को लेकर तेजी दिखाई गई है, उससे यह उम्मीद बंधी है कि इस पर काम शुरू होने में और अधिक देरी नहीं होगी। इस प्रोजेक्ट की सफलता नदियों को जोड़ने के अभियान को नई दिशा देगा।

 

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