मुंबई : विधायक आदित्य ठाकरे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक ही मंच के समर्थक आपस में भिड़े; 

Mumbai: Supporters of MLA Aditya Thackeray and Maharashtra Deputy Chief Minister Eknath Shinde on the same platform clashed with each other;

मुंबई : विधायक आदित्य ठाकरे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक ही मंच के समर्थक आपस में भिड़े; 

वर्ली इलाके में आज नारली पूर्णिमा का त्योहार मनाया गया. लेकिन इस बार का उत्सव सियासी गरमाहट के बीच चर्चा में आ गया. शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक आदित्य ठाकरे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक ही मंच के आस-पास पहुंच गए और दोनों के समर्थक आपस में भिड़ पड़े. स्थिति कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गई, जिससे माहौल बिगड़ गया. वर्ली आदित्य ठाकरे का विधानसभा क्षेत्र है और हर साल वे यहां नारली पूर्णिमा उत्सव में शामिल होते हैं. लेकिन इस बार शिंदे उनसे पहले वर्ली कोलीवाड़ा पहुंच गए. इसे कई लोग सियासी ‘मैसेज’ के तौर पर देख रहे हैं.

मुंबई : वर्ली इलाके में आज नारली पूर्णिमा का त्योहार मनाया गया. लेकिन इस बार का उत्सव सियासी गरमाहट के बीच चर्चा में आ गया. शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक आदित्य ठाकरे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक ही मंच के आस-पास पहुंच गए और दोनों के समर्थक आपस में भिड़ पड़े. स्थिति कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गई, जिससे माहौल बिगड़ गया. वर्ली आदित्य ठाकरे का विधानसभा क्षेत्र है और हर साल वे यहां नारली पूर्णिमा उत्सव में शामिल होते हैं. लेकिन इस बार शिंदे उनसे पहले वर्ली कोलीवाड़ा पहुंच गए. इसे कई लोग सियासी ‘मैसेज’ के तौर पर देख रहे हैं.

 

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पहले पहुंचे शिंदे, फिर आए आदित्य
सुबह एकनाथ शिंदे कोलीवाड़ा के नागरिकों के आमंत्रण पर उत्सव में पहुंचे और स्थानीय मछुआरा समाज से मुलाकात की. उनके थोड़ी देर बाद आदित्य ठाकरे भी कोलीवाड़ा पहुंचे. इसी दौरान दोनों नेता आमने-सामने हो गए. चंद मिनटों के लिए माहौल में खामोशी और सियासी ठंडापन नजर आया. लेकिन भीड़ में मौजूद कार्यकर्ताओं के नारेबाजी शुरू करते ही तनाव बढ़ गया.

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तंज और नारेबाजी से भड़का माहौल
सूत्रों के मुताबिक आदित्य ठाकरे ने शिंदे के सामने से गुजरते हुए कोई टिप्पणी की. इसके बाद दोनों गुटों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए. नारेबाजी के बीच धक्का-मुक्की और कहासुनी हुई. हालांकि नेताओं ने सीधे तौर पर कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन माहौल में सियासी खटास साफ झलक रही थी.

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शिंदे का बयान – ‘प्यारे कोली भाइयों-बहनों के बुलावे पर आया’
घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “मुझे वर्ली कोलीवाड़ा आकर बहुत खुशी हुई. मैं अपनी प्यारी कोली बहनों और प्यारे कोली भाइयों से मिला.” जब उनसे पूछा गया कि क्या वे आदित्य ठाकरे के निर्वाचन क्षेत्र में जानबूझकर आए थे तो उन्होंने कहा, “मैं इसलिए आया क्योंकि मेरी बहनों ने मुझे आमंत्रित किया था. मुझे एक उत्सव के लिए बुलाया गया था.” इस दौरान उन्होंने राजनीतिक सवालों से बचते हुए माहौल को हल्का करने की कोशिश की.

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उद्धव गुट का गढ़ वर्ली 
वर्ली सीट शिवसेना (उद्धव गुट) का गढ़ मानी जाती है. नारली पूर्णिमा जैसे स्थानीय त्योहार कोली समाज के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखते हैं और यहां नेताओं की मौजूदगी सीधे तौर पर मतदाताओं से जुड़ाव का संदेश देती है. ऐसे में शिंदे की अचानक मौजूदगी और फिर आदित्य के साथ आमना-सामना इसे सिर्फ संयोग मानना मुश्किल है. राजनीतिक हलकों में इसे आगामी चुनावों से पहले शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है.