मुंबई में फिर उठा मस्जिद लाउडस्पीकर मुद्दा, पुलिस शिकायत पर एक्शन नहीं, तो हाई कोर्ट सख्त
The Bombay High Court observed the seriousness of noise pollution and said that there is a need for the police to take concrete steps on the complaints registered related to it
मस्जिद के लाउड स्पीकर के शोर से परेशान महिला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद मुंबई के जोन-12 के डीसीपी को तलब किया था। मामला कांदिवली के लक्ष्मी नगर इलाके में स्थित गौसिया मस्जिद के लाउड स्पीकर के शोर से जुड़ा है, जिससे परेशान पेशे से वकील रीना रिचर्ड ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
मुंबईः बॉम्बे हाई कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए कहा कि इससे संबंधित दर्ज की गईं शिकायतों पर पुलिस को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। हाई कोर्ट ने यह बात कांदिवली पूर्व में गौसिया मस्जिद के लाउडस्पीकर के बजने से होने वाले ध्वनि प्रदूषण और नियमों के उल्लंघन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। वकील रीना रिचर्ड ने यह याचिका दायर की थी। रिर्चड ने दावा किया है कि ध्वनि प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन के संबंध में उन्होंने 8 व 14 मई को समता नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
इससे पहले जस्टिस रेवती मोहिते ढेरे एवं जस्टिस शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद कहा था कि ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों को समान रूप से हर जगह लागू किया जाए। यदि नियम है कि रात दस बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउड स्पीकर के इस्तेमाल की मनाही है, तो इसका पालन किया जाना चाहिए..Bombay HC on Masjid matter......
सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता (रिचर्ड) जहां रहती हैं, वह इमारत साल 2007 में बनी है, जबकि मस्जिद का निर्माण 1999 में किया गया था। इस पर खंडपीठ ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि इमारत व मस्जिद का निर्माण कब हुआ है। यदि ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियम किसी चीज पर प्रतिबंध लगाते हैं, तो उसका पालन किया जाना चाहिए।
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान सरकारी वकील की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद नाराजगी जाहिर की। अब हम वरिष्ठ अधिकारी को कोर्ट में बुलाएंगे। यचिका में रिचर्ड ने कहा है कि जहां मस्जिद है वह कुछ दूरी पर अस्पताल है। इसलिए यह इलाका शांत क्षेत्र के दायरे में आता है..Bombay HC on Masjid matter...
चर्ड ने कहा कि लक्ष्मी नगर में ही ईएसआईएस अस्पताल है। अस्पताल व मस्जिद के बीच 70 मीटर का अंतर है। यह क्षेत्र साइलेंस जोन में आता है। नियमानुसार रात दस बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद मस्जिद में सुबह पांच बजे से ही लाउडस्पीकर बजने लगता है।
सरकारी वकील माधवी म्हात्रे ने कहा कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत नहीं है। पहले इस मुद्दे पर सुनवाई हो चुकी है। न्यायमूर्ति अभय अहूजा व न्यायमूर्ति एम. एम. साठे की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस के पास दो शिकायतें आई हैं। अगली सुनवाई में पुलिस विभाग को अपना पक्ष रखना चाहिए। ध्वनि प्रदूषण की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को बताना चाहिए कि उसने क्या कार्रवाई की है। याचिका पर 29 मई को सुनवाई होगी..Bombay HC on Masjid matter...
Comment List